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बड़े हीरों ने बढ़ाया पन्ना की उथली हीरा खदानों का क्रेज

locationपन्नाPublished: Feb 23, 2020 10:27:09 pm

Submitted by:

Shashikant mishra

जिले के उथली हीरा खदानों से बीते दो सालों में मिले हैं एक दर्जन से भी अधिक बड़े हीरे वैध के साथ ही अवैध उथली हीरा खदानों में भी हुई है भारी बढ़ोत्तरी

दो सालों में मिले हैं एक दर्जन से भी अधिक बड़े हीरे

दो सालों में मिले हैं एक दर्जन से भी अधिक बड़े हीरे

पन्ना. पन्ना का हीरा यूं तो सहा दी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है, लेकिन बीते दो सालों में जिस प्रकार से यहां बड़े हीरे मिले हैं उससे यहां का आकर्षण और भी बढ़ा है। हीरे की लालच में दूर-दूर से लोग यहां हीरे की खदान लगाने के लिए पहुंच रहे हैं। इसी कारण से बीते दो सालों में हीरा की वैध और अवैध दोनों प्रकार की खदानों में इजाफा हुआ है।
गौरतलब है कि २ साल पूर्व वर्ष 2018 में 42.59 कैरेट का हीरा कृष्णा कल्याणपुर पटी की हीरा खदान से मोतीलाल प्रजापति को मिला था। यह हीरा 2.55 करोड़ रुपए में बिका था। इसके बाद बीत साल 29.46 कैरेट का हीरा कृष्णा कल्याणपुर पटी की ही हीरा खदान में बृजेश कुमार उपाध्याय को मिला था। यह नीलामी में 1.16 करोड़ रुपए में बिका। इसके अलावा 18.13 कैरेट का हीरा 72 लाख 61 हजार बिका था। इन जैम क्वालिटी के बड़े हीरों के अलावा करीब एक दर्जन बड़े हीरों के लागतार मिलने से लोगों के बीच हीरा खदानें लगाने को लेकर आकर्षण बढ़ा है।

दो सर्किल में दिए जा रहे खदानों के पट्टे
हीरा कार्यालय की ओर से वर्तमान में पन्ना और इटवां दो सर्किल में निजी और शासकीय भूमि में हीरा खदानों के पट्टे जारी किए जा रहे हैं। पन्ना सर्किल में दहलान चौकी, सकरिया चौपड़ा, सरकोहा, कृष्णा कल्याणपुर (पटी), राधापुर और जनकपुर। वहीं इटवां सर्किल में हजारा मुड्ढ़ा, किटहा, रमखिरिया, बगीचा, हजारा और भरका आदि क्षेत्र शामिल हैं। इसके अलवा हीरा धारित पट्टी का करीब २ हजार हेक्टेयर क्षेत्र वन भूमि में चला गया है। जिससे उस क्षेत्र के पट्टे जारी नहीं किए जाते हैं।

वैध और अवैध दोनों खदानों की संख्या बढ़ी
बड़े हीरों के आकर्षण के कारण हीरे का युवाओं को भी आकर्षित कर रहा है। कई युवा हीरा खदानें लगाने के लिए आवेदन कर रहे हैं। बीते साल हीरा कार्यालय की ओर से 711 उथली हीरा खदानों के पट्टे जारी किए गए थे। जो तीन सालों में सबसे अधिक थे। जिले की हीरा धाारित पट्टी का बड़ा क्षेत्रफल वन भूमि में है। जहां हीरा खदानों के लिए वैधानिक रूप से पट्टे जारी नहीं होते हैं। इससे बड़ी संख्या में लोग अवैध रूप से हीरा खदानों को चला रहे हैं। बीते दिनों एसडीएम पन्ना ने सरकोहा के जंगल में चल रही अवैध हीरा खदानों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। हीरा खदानों से निकालकर रखी गई हीरे की चाल के २९ छोटे बड़े डंपों को जब्त किया था, जिसमें 44 हजार 772 घन मीटर चाल जब्त की गई थी। जिसकी अनुमानित कीमत एक करोड़ रुपए से भी अधिक हो सकती है।

ऐसे मिलता है हीरा खदान का पट्टा
यदि आपको भी हीरा खदान लगाने का शौक है तो यह शौक पन्ना में सस्ते में पूरा हो सकता है। हीरा खदान लगाने के इच्छुक व्यक्ति को जिला हीरा कार्यालय में २०० रुपए के चालान के साथ आवेदन देना होता है। इसके बाद हीरा विभाग मामले में हलका पटवारी सहित अन्य विभागों से अभिमत मंगवाता है। पूरी प्रक्रिया में एक से दो सप्ताह तक का समय लग जाता है। इसके बाद कर्मचारी चाहे गए क्षेत्र में आठ बाई आठ मीटर का क्षेत्र चिन्ह्ति करके खदान संचालक को सौंप देता है। इसे ग्रेवल मिलने तक खोदने की अनुमति होती है। यदि खदान निजी जमीन पर लगानी है तो इसमें जमीन के स्वामी का एग्रीमेंट की कॉपी भी लगानी पड़ती है।

मिट्टी से ऐसे निकला जाता है हीरा
हीरा खदान के संचालन उथही हीरा खदानों तक ग्रेवल (चाल) मिलने तक खोदते हैं। ग्रेवल को खदान से निकालकर सुरक्षित भंडारित कर लिया जाता है। यदि खदान किसी जल स्रोत के आसपास है तो इसे अभी भी धोया जा सकता है। यहां ग्रेवल को धोने का अधिकांश काम बारिश के दिनों में होता है। जब धुलाई के लिए पानी आसानी से मिल जाता है। ध्ुालाई के दौरान चाल की मिट्टी को पानी से धुलकर बहा दिया जाता है। इसमें बचे कंकड पत्थर को सूखने के लिए धूप में डाल दिया जाता है। इन्हीं कंकड पत्थरों के बीच हीरा होता है। जिसे बिनाई के दौरान कंकडों के बीच से बीना जाता है।

हीरा खदान की ओर अधिक लोग आकर्षित हों इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। हीरा खदानों का क्षेत्र बड़ा करने का प्रपोजल सरकार को भेजा गया है। मामला प्रक्रिया में है। प्रयास कर रहे हैं कि पन्ना में हीरा का कारोबार बढ़े और अधिक से अधिक लोगों को इस क्षेत्र में रोजगार मिल सके।
आरके पांडेय, हीरा अधिकारी पन्ना

पांच सालों में उथली हीरा खदानों को जारी पट्टी
वर्ष जारी हुए पट्टे
२०१५- ८८७
२०१६- ९१०
२०१७- ५०५
२०१८- ६७०
२०१९- ७११
……………………………….
जिले की उथली हीरा खदानों से अब तक मिले बड़े हीरे
वर्ष वजन (कैरेट में) जिसे हीरा मिला खदान जहां से हीरा पाया गया
१९६१ ४४.५५ रसूल मोहम्मद महलोन का सेहा
२०१८ ४२.५९ मोतीलाल प्रजापति कृष्णा कल्याणपुर पटी
१९६६ ४०.१९ मझली मुम्हारिन पन्ना महलोन का सेहा
१९७० ३९.०० नारायण पन्ना पुखरी
१९८४ ३६.८० रहमान, देवेंद्रनगर जनकपुर
१९९१ ३४.७० मुतियां गोड़, सकरिया सकरिया
१९७० २९.६९ तीरथ प्रसाद, चित्रकूट महुआटोल
२०१९ २९.४६ बृजेश कुमार उपाध्याय कृष्णा कल्याणपुर (पटी)
१९६९ २८.१३ पीर मोहम्मद पन्ना खिन्नी घाट
१९६८ २६.३२ रामप्रसाद कुड़ार बरम की खईया
(सभी आंकड़े हीरा कार्यालय के अनुसार)
फैक्ट फाइल
जिले का क्षेत्रफल ७१३५ वर्ग किमी
जनसंख्या १०,१६०२८ (जनगणना वर्ष २०११ के अनुसार)
हीरा धारित पट्टी क्षेत्र- ५० किमी. (अनुमानित)
वैध और अवैध हीरा खदानें ३००० (अनुमानित)
खदानों में काम करने वाले मजदूर- १० से १५ हजार

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