scriptMP के इस जिले में मौत के बाद भी नहीं मिलता सुकून, नदी में बहा दिया शव | BIG NEWS: Two die from diarrhea in Panna | Patrika News

MP के इस जिले में मौत के बाद भी नहीं मिलता सुकून, नदी में बहा दिया शव

locationपन्नाPublished: Jun 07, 2018 02:20:36 am

Submitted by:

Pushpendra pandey

पन्ना के लोढ़ापुरवार में डायरिया से दो की मौत, शवों को बैलगाड़ी में लादकर ले गए नदी और बहा दिया

Two die from diarrhea in Panna

panna

अजयगढ़. यूपी की सीमा से लगे जिले के ग्राम लोढ़ापुरवा में डायरिया से दो लोगों की मौत होने के बाद भी उन्हें सुकून नहीं मिल सका। अंतिम यात्रा में उनके शव को कंधा देने वाले चार लोग भी नसीब नहीं हो सके और न ही अंतिम संस्कार के लिए दो गज जमीन नसीब हुई। गांव के लोग महिला और युवती के शव को बैलगाड़ी में लादकर केन नदी के किनारे ले गए और फिर वहीं बहा दिया। जिला प्रशासन ने शव को नदी में बहाए जाने की बात स्वीकारते हुए रूढि़वादिता के कारण ऐसा किया जाना बताया।
बीमारी से हुई मौत
गौरतलब है कि ग्राम लोढ़ापुरवा में डायरिया के कारण महिला देवरती पति राजा भइया रावत और नातिन वंदना पिता रामदेव डायरिया से गंभीर रूप से बीमार हो गई थीं, जिनकी बीमारी के कारण मौत हो गई। बताया गया कि उनके परिवार में तीन ही लोग थे, जिनमें से दो की डायरिया से मौत हो गई और एक अन्य बीमार था। परिवार की आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं थी। लोढ़ापुरवा निवासी पप्पू रावत ने बताया इसी कारण गांव के लोग बुधवार सुबह करीब 10-11 बजे शव को बैलगाड़ी में लादकर केन नदी ले गए और बहा दिया गया।
संक्रमण का खतरा
डायरिया पीडि़तों के शव नदी में बहाने से संक्रमण का खतरा और भी अधिक बढ़ गया है। इस गंभीर मामले में जिला और स्थानीय प्रशासन पूरी तरह से बेपरवाह दिखा। शाम तक मामले की जानकारी एसडीएम अजयगढ़ जेएस बघेल को भी नहीं थी। उन्होंने कहा, मृतकों के शव नदी में तो नहीं बहाए गए हैं, लेकिन उनका अंतिम संस्कार कैसे किया गया है यह मैं जानकारी लेकर बताता हूं।
अक्सर नदी में बहा दिए जाते हैं शव
भगवतदीन पटेल और श्रीराम पटेल ने बताया, अंतिम संस्कार काफी महंगा पड़ता है। एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार में ही करीब ३ हजार रुपए की लकड़ी लग जाती है। ऐसे हालात में गरीब परिवारों के पास अंतिम संस्कार के लिए रुपए नहीं होते हैं। गरीब परिवारों के लोग शव को नदी में ही बहा देते हैं। अंतिम संस्कार के लिए किसी भी योजना के तहत तुरंत रुपए नहीं मिल पाते हैं। इसी कारण से क्षेत्र में अकसर ऐसे मामले सामने आते रहते हैं। इसके बाद भी स्थानीय प्रशासन द्वारा कभी मामले को गंभीरता के साथ नहीं लिया गया है।
कलेक्टर बोले
कलेक्टर मनोज खत्री ने कहा कि बुजुर्गों और ऐसे लोग जिनके विवाह नहीं हुए होते हैं उनके शव को परंपरागत रूप से क्षेत्र के लोग नदी में ही बहा देते हैं। इसी कारण से दोनों शवों को नदी में बहाया गया है। मामले की जानकारी लगने के बाद सीएमएचओ और एसडीएम मौके पर गए थे।
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