सिलेबस करें कैटेगराइज एक्सपर्ट की सलाह है कि ए स्टूडेंट्स अब अपने सिलेबस को कैटेगरी में बांट लें। जो भी विषय उन्हें कठिन लगता है, उसे पहले पढ़ें। आसान विषयों को आखिर में रखें। पहले अत्यधिक कठिन, फिर कठिन और अंत में आसान टॉपिक को रखें। आसान विषय को एग्जाम के नजदीकी दिनों में भी पढ़ा जा सकेगा। इससे तैयारी कुछ सुधर सकती है।
शॉर्टकट टिप्स अजमाएं स्टूडेंट्स मैथ्स, केमेस्ट्री, सोशल साइंस, हिस्ट्री और पॉलिटिकल साइंस जैसे विषयों को समझने के लिए शॉर्टकट टिप्स अपना रहे हैं। इसके लिए वे खुद के लिए शॉर्टकट फंडे तैयार कर रहे हैं, जिससे उन्हें फाइनल के लिए प्रिपरेशन करना आसान हो।
रेमेडियल क्लास से हो रही प्रिपरेशन विशेषज्ञों के मुताबिक बोर्ड क्लास स्टूडेंट्स को लगातार रेमेडियल क्लासेस दी जा रही है। स्टूडेंट्स को जिन विषयों में डिफिकल्टी होती है। उन विषयों पर रेमेडियल क्लासेस और एक्स्ट्रा क्लासेस में फोकस किया जाता है। क्वेश्चन पेपर ब्लूप्रिंट के हिसाब से ही सेट किए जाते हैं।
यही वजह है कि टीचर्स भी स्टूडेंट्स को ब्लू प्रिंट के हिसाब से ही पढ़ाई करवा रहे हैं। इसके साथ ही टीचर्स बच्चों का लगातार टेस्ट ले रहे हैं। पिछले 5 सालों में आने वाले क्वेश्चन को तैयार करवा रहे हैं, ताकि स्टूडेंट्स को क्वेश्चन पेपर किस तरह का होता है, इसकी जानकारी हो पाए।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान जब एक पाठ याद हो जाए, तो ही दूसरे पाठ की ओर चलें। बीच में पाठ छोडऩे से आपने जो पढ़ा होगा, वह भी भूल जाएंगे। किसी भी टॉपिक को रटने की बजाय उसे समझकर पढ़ें। इससे आप बेहतर तरीके से प्रिपरेशन कर पाएंगे। पढऩे का टाइम टेबल बनाएं और उसका पालन भी करें।
हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण रखें। तनाव से दूर रहें, क्योंकि तनाव आपकी स्मरण शक्ति कमजोर करता है। टॉपिक को याद करने के बाद उसे लिखकर देखने की प्रैक्टिस करें। इससे आप स्वयं का मूल्यांन कर पाएंगे।
परीक्षाएं: एमपी बोर्ड- 1 मार्च से। सीबीएसइ-21 फरवरी से। आइसीएसइ-22 फररवी से।