इन ग्रामों में शासकीय दस्तावेजों में वर्ष 2018 में प्रति एक हजार की आबादी पर एक या एक से अधिक मलेरिया के केस दर्ज हुए। इस छिड़काव योजना में उन 496 ग्रामों को छोड़ दिया गया है, जिनमें इस वर्ष मेडिकेडेट मच्छरदानियों का वितरण किया गया हैं।
इस कीटनाशक का स्प्रे प्रथम राउंड में 16 जून से जुलाई के अंत तक तथा दूसरे राउंड में 1 सितंबर से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह स्प्रे घरों के अंदर छायादान स्थान में किया जाता है। जहां वर्षा का पानी और धूप का सीधा प्रभाव न पड़े। ऐसी दशा में स्प्रे का प्रभाव 8 से 10 सप्ताह तक बना रहता है।
चिह्नित 29 ग्रामों में ब्लॉक अजयगढ़ के बताशा, सिन्हाई, गडऱपुर, भुंडा और गुठला, पन्ना ब्लॉक से चौपरा, कोठीटोला, अमरइया, ब्लॉक गुनौर के झिरिया-पथराड़ी, अमरी, लखनपुर, राजापुर, नैगुवां, तालगांव, पटनाकला, सनौरा, सोहगी, मोहार, धरमपुरा, इटौरा, तथा ब्लॉक पवई से चौमुखा, झिरमिला, हिनौता, उर्दानी, मर्दा, उमरहट, कुपना, सुनवारी, करही, गनेशगंज, रेहुता, कुम्हारी शामिल हैं।
इस वर्ष मापदंड से बाहर होने के कारण शाहनगर ब्लॉक में उक्त कीटनाशक का स्प्रे कार्य नहीं होगा। सभी संबंधित जनप्रतिनिधियों और ग्राम स्तर के सभी विभाग के कर्मचारियों से अपील है कि वे छिड़काव कार्य में लगे मजदूरों को ग्राम में रहने के लिए स्थान और नियमानुसार काम करने में सहयोग करने करें। इसके साथ ही ग्राम के शत प्रतिशत कमरों में छिड़काव कराएं।
साथ ही सभी संबंधित ग्रामों के निवासी आशा कार्यकर्ता द्वारा बताए गए स्प्रे के निर्धारित दिवस में ग्राम में उपस्थित रहें और इस स्प्रे योजना का पूरा लाभ उठाएं, जिससे मलेरिया, डेंगू बीमारियों को नियंत्रित किया जा सके और वर्ष 2027 तक जिले से मलेरिया समाप्त किया जा सके।