एसडीएम वीवी पांडेय सहित अन्य अधिकारियों ने फीता काटकर शुभारंभ किया। इसी के साथ कॉलेज की कक्षाएं स्मार्ट कक्षाओं के रूप में संचालित करने वाला यह कॉलेज जिले का इकलौता कॉलेज बन गया है, जबकि कॉर्डलेस स्पीकर क्लॉस चलाने वाला संभाग का इकलौता कॉलेज होने का दावा किया जा रहा है।
जिले के छोटे से कस्बे में संचालित इस कॉलेज में जिस प्रकार से शिक्षण की आधुनिकतम तकनीकों को महत्व दिया जा रहा है उससे इसने संभाग के बड़े कॉलेजों को भी पीछे छोड़ दिया है। शिक्षण में तकनीकी के उपयेाग से शिक्षकों और छात्र-छात्राओं के बीच जीवंत संवाद बना रहेगा, जो किसी भी शिक्षण प्रणाली की सफलता के लिए सबसे जरूरी है।
कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि एसडीएम वीवी पांडेय ने कहा भी कि सबसे अच्छी और सफल शिक्षा प्रणाली वही है जहां शिक्षकों और छात्रों के बीच में जीवंत संवाद है। लगातार संवाद बने रहने से बच्चों के बीच झिझक खत्म होगी। उन्होंने अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए बताया, जहां हम पढ़ा करते थे वहां पंखे की हवा भी नसीब नहीं होती थी।
आप सभी सौभाग्य शाली हैं कि इतनी बेहतर तकनीक के साथ पढऩे का अवसर मिल रहा है। इसका पूरा लाभ उठाएं। उन्होंने कहा, पहले की अपेक्षा अब शिक्षा का क्षेत्र अधिक प्रतियोगी हो गया है। बच्चों के बीच बड़ी स्पर्धा है। इससे शिक्षिण गतिविधि में तकनीक का उपयोग आपको काम्पटीशन में श्रेष्ठ बनाने में सहायक होगा। उन्होंने कॉलेज के व्यवस्थाओं और यहा के प्रबंधन द्वारा आधुनिकतम तकनीकों के प्रयोग के लिए सराहना की।
तकनीक के उपयोग से सुधरेगी गुणवत्ता कॉलेज में एक स्मार्ट क्लास पूर्व से चल रही थी। दूसरी स्मार्ट क्लास का शुभारंभ गुरुवार को हो गया। संस्था प्राचार्य ने बताया स्मार्ट क्लास में प्रोजेक्टर के माध्यम से पढ़ाई की जाएगी। इससे शिक्षक बच्चों को कम समय में अधिक पढ़ा सकते हैं। इसके साथ ही मैनुअल डाइग्राम उतने सही नहीं बन पाते हैं, जितने होने चाहिए।
ऐसे में स्मार्ट क्लास काफी सहायक होगी। कॉलेज में शिक्षकों को भी इस तरह से ट्रेंड किया गया है कि वे मैनुअल पढ़ाने के साथ ही स्मार्ट क्लास में आसानी से बच्चों को पढ़ा सकें। इसके साथ ही इंटरेक्टिव बोर्ड में लगाया जा रहा है। इसमें शिक्षक को बोर्ड पर ई-पेन से लिखना होता है।
शिक्षक बोर्ड में ई-पेन से जो भी लिखता है वह प्रोजेक्टर में लिख जाता है। इससे पूर्व से तय सामग्री में क्लास में ही करेक्शन करने की गुंजाइश बनी रहती है। उसके उपयोग से तकनीकी पहलुओं को आसानी से समझा और समझाया जा सकता है
टेबल-टेनिस में भी आजमाए हाथ कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों ने कॉलेज में नव निर्मित टेबिल-टेनिस कक्ष का भी लोकार्पण किया। बीएमओ अभिषेक जैन और तहसीलदार दिव्या जैन से टेबिल -टेनिस खेलकर इसका शुभारंभ किया। अधिकारियों ने कॉलेज परिसर में बनाए जा रहे फुटबाल और कबड्डी के मैदान का भी अवलोकन किया।
कॉलेज में बेहतर सुविधाओं के लिए कॉलेज प्रबंधन को प्रोत्साहित भी किया। कार्यक्रम में संस्था के रिटायर कर्मचारी काशी प्रसाद कुशवाहा का मल्यार्पण कर सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम में डॉ. अनिल श्रीवास्तव, डॉ. विवेक द्विवेदी, डॉ. रोशनलाल, लक्ष्मण जाटव, ओंकार अहिरवार सहित कॉलेज स्टॉफ और छात्र-छात्राएं शामिल रहे।
कक्षाओं में होगा ऑडियो सिस्टम व कॉलर माइक कक्षाओं में बच्चों की संख्या अधिक होने के कारण कई बार पीछे बैठे बच्चों को कई चीजें समझ में नहीं आती हैं या फिर शिक्षकों को काफी तेजी से बोलना पड़ता है। इससे एक क्लास लेने के बाद दूसरे क्लास में शिक्षकों की हालत खराब हो जाती है। इससे उनके पढ़ाने की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
इस समस्या का समाधान करने के लिए कॉलेज के बीए प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्षऔर तृतीय वर्ष की कक्षाओं में दो-दो स्पीकर लगवाए गए हैं, साथ ही शिक्षकों को कॉलर माइक भी दिया गया है। कार्ड लेस कॉलर माइक के उपयोग से शिक्षकों को कक्षाओं में ज्यादा जोर से नहीं बोलना पड़ेगा।
इससे क्लॉस में आगे और पीछे बैठे सभी छात्र-छात्राओं को बराबर सुनाई देगा। इससे शिक्षकों को भी तेजी से नहीं बोलना पड़ेगा और सभी बच्चों को समान रूप से सुनाई भी देगा। संस्था प्राचार्य के अनुसार इस तरह की सुविधा अभी तक संभाग के किसी कॉलेज में नहीं है।