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पन्ना में विस्थापित बांग्लादेशियों को जाति प्रमाण पत्र और पट्टा दिया जाय, जानें किसने उठाई यह मुद्दा

locationपन्नाPublished: Jul 19, 2019 07:31:56 pm

Submitted by:

Anil singh kushwah

सांसद ने लोकसभा में उठाया विस्थापितों का मुद्दा

Caste certificate and lease are given displaced Bangladeshi nationals

Caste certificate and lease are given displaced Bangladeshi nationals

पन्ना. खजुराहो सांसद वीडी शर्मा ने गुरुवार के लोकसभा में शून्यकाल में पन्ना में रह रहे बंग्लादेशी विस्थापितों को जमीन के स्थायी पट्टा देने और जाति प्रमाण-पत्र बनवाने के मामले को उठाया। पन्ना में बंग्लादेशी विस्थापितों को 10 गांवों में बसाया गया था, जिसकी आबादी आज करीब 10 हजार है। वहीं प्रदेश के 24 जिलों में करीब 5 लाख बंग्लादेशी विस्थापित निवास कर रहे हैं। सांसद के इस प्रयास के बाद विस्थापितों ने प्रसन्नता जताई है।
प्रदेश में पांच लाख हैं बांग्लादेशी विस्थापित
जानकारी के अनुसार सांसद शर्मा ने शून्यकाल में सदन को यह बताया कि पन्ना में बंग्लादेशी 1956 से 84 तक बंग्लादेशी विस्थापितों को बसाया गया था। उन्हें कृषि भूमि और आवासीय भूखंड दिया गया था। 50-60 साल बाद भी उन्हें जमीनों के पट्टे नहीं दिए गए हैं। उन्हें जाति प्रमाण-पत्र भी नहीं दिया जाता है। इससे उन्हें काफी परेशानी होती है। वे सरकार से जाति प्रमाण-पत्र दिलवाने और जमीन के आवासीय पट्टे दिलवाने की मांग करते हैं।
पन्ना में ये है बांग्लादेशी विस्थापित गांव
पन्ना जिले में सबसे पहले वर्ष 1956 में कुंजवन को बसाया गया था। इसके बाद 1971 में हरदुआ कैंप को बेस कैंप के रूप में उपयेाग किया गया और वहीं के माध्यम से रक्सेहा, उड़की, अहिरगुवां कैप, जमुनहाई, बाबूपुर, बडग़ड़ी, हाटूपुर, दमचुआ, जरुआपुर आदि गांवों को बसाया गया था। इन गांवों में अब 10 हजार से अधिक की आबादी है। इन गांवो के लोग जमीनों के स्थायी पट्टे नहीं मिलने और जाति प्रमाण-पत्र नहीं मिलने से परेशान हैं। उन्हें शासन की गईयोजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है।
सांसद के प्रयास जगी उम्मीद
माजूमदार रिसर्चसेंटर के अध्यक्ष प्रदीप माजूमदार ने कहा किचार दशक में पहली बार यहां के किसी सांसद ने लोकसभा में बंग्लादेशी विस्थापितों के मामले को उठाया है। हमें उम्मीद है कि सरकार संसद के प्रयास को गंभीरता के साथ लेगी। प्रदेश के 12 जिलों में करीब 5 लाखं बंग्लादेशी विस्थापित रहते हैं। सांसद के प्रयास से उनकी उम्मीदें पूरी होने की उम्मीद जागी है। वहीं भाजपा नेता संजीत सरकार बोले,सांसद का नि:संदेह यह सराहनीय कदम है। उम्मीद है कि भारत सरकार इस विषय पर गंभीरता पूर्वक विचार कर निर्णय लेगी। इससे बंग्लादेशी विस्थापितों को लाभ प्राप्त होगा। 1956 से उन्हें अधिकारों से वंचित रखा गया है।
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