पूर्व सरपंच ने बताया कि 20 साल पहले जब तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह यहां आए थे तो गांव का सरपंच होने के नाते उन्होंने मुख्यमंत्री को पेयजल की समस्या से अवगत कराया था। मुख्यमंत्री ने एनएमडीसी को पत्र लिखकर गांव को पानी देने को कहा गया। इसके बाद से कंपनी द्वारा गांव के कुछ हिस्सों में पाइपलाइन बिछाई गई और पानी की सप्लाई शुरू की गई।
पहले पानी की आपूर्ति पर्याप्त थी, लेकिन समय के साथ गांव की आबादी बढ़ी और परियोजना से सप्लाई होने वाला पानी नाकाफी होने लगा। ग्रामीणों के अनुसार इस भीषण गर्मी में मात्र 40 मिनट ही पानी की सप्लाई की जाती है। इससे भरपूर रूप से ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पाता है और समस्या जस की तस बनी रहती है।
जिला अस्पताल में पेयजल समस्या का होगा स्थाई समाधान कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने जिला चिकित्सालय में पेयजल समस्या के स्थाई निदान के निर्देश कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एमके जैन को दिए हैं। जैन ने चिकित्सालय परिसर में स्थापित नलकूप का परीक्षण कर तत्कालीक व्यवस्था के लिए सिंगल फेस का मोटर डालकर पेयजल की व्यवस्था की थी।
आने वाले समय में पेयजल की समस्या न हो इसके लिए चिकित्सालय परिसर में स्थापित कुओं का निरीक्षण कर सफाई कराने के उपरांत बारिश के मौसम में छत के पानी को फिल्टर कर नलकूप में रूट वाटर हार्वेस्टिंग से जोड़ा जाए।
पेयजल के लिए लगी लंबी कतार पवई में नगर के कई वार्डों में पेयजल की समस्या से लोग परेशान हैं। सुबह लगभग 10 बजे नन्ही पवई तलैया वार्ड-3 में एक घर से पानी भरने लंबी लाइन लगी रही। इसी तरह अन्य वार्डों मे भी लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। परिषद के माध्यम से टैंकरों से पेयजल सप्लाई होने के बाद भी प्यास नहीं बूझ रही।