तत्कालीन कलेक्टर शिवनारायण सिंह चौहान द्वारा बांध के लिए किसानों से जमीन मांगने के एवज में ग्रामीणों ने सड़क बनवाने की मांग की थी। बांध तो बन गया, लेकिन तत्कालीन कलेक्टर के आश्वासन के बाद भी सड़क नहीं बन वाई है।
स्टाम्प पर बनी सहमति फिर भी नहीं बन पाई सड़क जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत रनवाहा देवरी में स्कूल और पंचायत तक पहुंचने के लिए एक भी पक्का मार्ग नहीं है। मार्ग में निजी जमीन पडऩे के बाद भी लोगों ने स्टाम्प पर लिखकर मार्ग बनाने की सहमति दी, इसके बाद भी सड़क नहीं बन पाई है।
हालात यह होती है कि मार्ग में कीचड़ अधिक होने के कारण बच्चों का स्कूल जाना मुश्किल हो जाता है। ग्रामीणों के अनुसार सड़क बनाने की मांग को लेकर कई बार स्थानीय प्रशासन के साथ सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत कर चुके हैं फिर समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।
तत्कालीन कलेक्टर ने दिया था आश्वासन ग्रामीणों ने बताया, तत्कालीन कलेक्टर शिवनारायण सिंह चौहान ने समस्या के समाधान का आश्वासन दिया था। फिर भी कोई समाधान नहीं निकला। बताया गया कि गांव के चारों तरफ लोगों की निजी जमीन होने के कारण सड़क नहीं बन पा रही है। मुख्य सड़क से पहुंच मार्ग बनवाने के लिए कहीं से भी शासकीय जगह नहीं है।
रनवाहा के लिए 7-8 वर्ष पूर्व दो मार्ग ग्राम पंचायत द्वारा बनाए गए थे, लेकिन निजी भूमि वालों से सहमति नहीं ली गई थी। एक मार्ग रनवाहा से गिरभा धनगढ़ के लिए एवं दूसरा रनवाहा से देवरी के लिए निर्मित कराया गया था, लेकिन दोनों मार्गों में निजी भूमि बाधक है।
जनसुनवाई में आवेदन, तहसीलदार को ज्ञापन रनवाहा ग्राम पंचायत के निवासियों ने 17 जून को नगर परिषद कार्यालय में देवेन्द्रनगर तहसीलदार उमेश तिवारी को पहुंच मार्ग बनाए जाने का ज्ञापन दिया था। इस दौरान समाजसेवी कैलाश त्रिपाठी की अगुवाई में कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा गया। रनवाहा वासियों को पहुंच मार्ग न मिलना प्रशासन की प्रत्येक ग्राम को पहुंच मार्ग से जोडऩे की योजना पर सवालिया निशान है।