वर्तमान में बाघों के मॉनीटिरिंग की स्थिति इस कार्य के लिए वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूआईआई) देहरादून के तीन वरिष्ठ अधिकारी भी पन्ना पहुंचे थे। कोलंबिया के दल ने पन्ना टाइगर रिजर्व में वर्तमान में बाघों के मॉनीटिरिंग की स्थिति और भविष्य की परिस्थितियों और उनसे पार पाने के उपायों के संबंध में भी जानकारी ली।
कोलंबिया में भी प्रस्तावित है बाघ पुनर्स्थापना
जैन ने बताया, बाघविहीन हो चुके कंबोडिया में भी बाघ पुनर्स्थापना योजना प्रस्तावित है। वहां योजना को मूर्त रूप देने से पहले यहां के अधिकारी योजना से जुड़े हर छोटे-बड़े तकनीकी पहलुओं का बारीकी के साथ अध्ययन कर रहे हैं। जिससे योजना को शुरू करने के बाद उसे सफलता का अमलीजामा पहनाया जा सके। कंबोडिया के दल द्वारा पन्ना टाइगर रिजर्व का भ्रमण किया गया।
वर्तमान स्थिति की प्रगति की चर्चा इस अवसर पर कंबोडियाई दल को बाघ संरक्षण में क्षेत्रीय कर्मचारियों के योगदान और क्षेत्रीय लोगों से समन्वय के संबंध में भी जानकारी दी गई। कर्णावती में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बाघ पुनर्स्थापना के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई गई। उनके द्वारा पार्क प्रबंधन द्वारा हैबीटेट विकास, शाकाहारी वन्यप्राणियों के प्रबंधन एवं स्थानीय समुदायों से समन्वय के संदर्भ में वर्तमान स्थिति की प्रगति की चर्चा की गई।
18 अधिकारियों का दल दो दिनों के प्रवास पर कोलम्बियन डेलीगेट्स में पर्यावरण मंत्रालय कोलम्बिया के प्रमुख सचिव, विशेष सचिव, वन एवं वन्यप्राणी विभाग के महानिदेशक, सहायक महानिदेशक, क्षेत्र संचालक, पर्यटन विभाग कोलम्बिया के प्रमुख सचिव, महानिदेशक, अन्तर्राष्ट्रीय कॉपरेशन विभाग के निदेशक, टूरिस्ट इन्वेस्ट विभाग के निदेशक एवं उप निदेशक, प्रोविन्सियल गवर्नमेंट रिप्रजेन्टेटिव माननीय स्वे सम ईंग प्रोविन्सियल गर्वनर, मुख्य प्रशासक मोन्डुलकिरी प्रोविन्स एवं उप मुख्य मोण्डुलकिरी तथा विश्व प्रकृति निधि कम्बोडिया के कण्ट्री डायरेक्टर, रिजनल इनीसियेटिव लीड, लैण्ड स्केप मैनेजर एवं टूरिज्म मैनेजर शामिल हैं।