scriptपन्ना टाइगर रिजर्व की एक और बाघिन पी-141 ने जन्मे शावक | Cubs born to tigress p-141 in panna tiger reserve | Patrika News

पन्ना टाइगर रिजर्व की एक और बाघिन पी-141 ने जन्मे शावक

locationपन्नाPublished: Aug 24, 2018 08:52:46 pm

Submitted by:

Rudra pratap singh

पार्क प्रबंधन को बाघिन और शावकों के मिले पगमार्क, नन्हें मेहमानों के आगमन की खुशी से झूम रहा जंगल।

Cubs born to tigress p-141 in panna tiger reserve

Cubs born to tigress p-141 in panna tiger reserve

पन्ना. पन्ना टाइगर रिजर्व की बाघिन पी-222 के चंद्रनगर रेंज में तीन शावकों को जन्म देने की खुशियों के बीच जंगल से एक और खुशखबरी आई गई। इस ब्रीडिंग सीजन में पन्ना टाइगर रिजर्व की एक और बाघिन पी- 141 ले भी शावकों को जन्म दिया है। पन्ना टाइगर रिजर्व के मैदानी अमले को हिनौता रेंज में बाघिन पी-141 और शावकों के पगमार्क मिले हैं। हलाकि बाघिन और शावकों को भौतिक रूप से य फिर फोटो और वीडियो नहीं मिल पाने के कारण पार्क प्रबंधन ने अभी तक बाघिन पी-141 के भी शावकों के जन्म देने की अधिकृत रूप से घोषणा नहीं की है।
पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर केएस भदौरिया ने बताया टाइगर रिजर्व के मैदानी अमले द्वारा पगमार्क इ प्रेसन पैड (पीआईपी) के माध्यम से यह पता लगाया गया है कि टाइगर रिजर्व की बाघिन पी-141 द्वारा शावकों को जन्म दिया गया है। हालांकि उन्हें अभी भौतिक रूप से नहीं देखा गया कि बाघिन के साथ कितने शावक हैं।
पार्क प्रबंधन को अभी तक उनके फोटो और वीडियो भी नहीं मिल पाए हैं। इससे अ ी तक यह भी पता नहीं चल पाया है कि बाघिन ने कितने शावकों को जन्म दिया है। उनके संबंध में अैर जनकारी एकत्रित की जा रही है। उन्होंने बताया पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों और शावकों की सं या लागातार बढ़ रही है। यहां टूरिज्म को बढ़ाने के लिये भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
बाघिन पी-222 ने भी जन्मे हैं शावक
पन्ना टाइगर रिजर्व की बाघिन पी-२२२ ने के भी टाइगर रिजर्व के चंद्रनगर रेंज में तीन शावकों के साथ देखा गया है। पार्क प्रबंधन के अनुसार बाघिन के साथ देखे जा रहे शावक करीब तीन माह के होंगे। पार्क प्रबंधन द्वारा शावकों के साथ विचरण कर रही बाघिन पी-२२२ का वीडियो भी जारी किया गया था। गौरतलब है कि उक्त रेडिया कॉलर्ड बाघिन बाघिन पी-222 का रेडियो कालर विगत 5-6 माह से खराब होने के कारण सिग्नल प्राप्त नहीं हो रहे थे।
कभी-कभी पार्क के कर्मचारियों को बाघिन के पगमार्क मिलते रहे। जिससे पी-222 की पार्क में उपस्थिति के प्रमाण मिलते रहे हैं। पी-222 कान्हा से लाई गई बाघिन टी-2 के दूसरे लिटर की दूसरी संतान है। 15 अगस्त को बाघिन पी-222 को अपने तीन शावकों के साथ चन्द्रनगर परिक्षेत्र में बाघअनुश्रवण दल एवं परिक्षेत्र अधिकारी चन्द्रनगर द्वारा देखा गया है। पी-222 ने अपने तीसरे लिटर में तीन शावकों को जन्म दिया है।
बरिश में कठिन होता है पीअईपी से निगरानी
फील्ड डायरेक्टर भदौरिया ने बताया, बारिश के दिनों में बाघों की निगरानी पगमार्क इ प्रेसन पैड (पीआईपी) के माध्यम से करन काफी कठिन होता है। मिट् टी गीली होने के कारण बाघों के पैरों के निशान जल्दी मिट जाते हैं। नन्हें शावकों के पग मार्क उतने साफ भी नहीं आते हैं।
इससे बारिश के दिनों में इस विधि से मॉनीटरिंग काफी कठिन होती है। कॉलर्ड बाघिनों की मॉनीटरिंग में परेशानी नहीं होती है। पार्क में मौजूद बाघों में से १२ बाघों को रेडियो कॉलर लगा हुआ है। बाघों की बेहतर मॉनीटरिंग के लिये पन्ना टइगर रिजर्व ड्रोन कैमरे का भी उपयेाग करेगा।
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