गांवों की सड़कों पर भी लोगों की आवाजाही कम ही रही। दिनभर लोग डरे-सहमे रहे। सभी सशंकित थे कि कहीं आसपास तेंदुआ बैठा न हो और मौका पाकर हमला कर दे। चार पर हमलाकर किया था जख्मी
गौरतलब है कि तेंदुए को गुरुवार को गांव के यादव नाला के पास देखा गया था। जहां उसने एक ग्रामीण पर हमला कर उसे घायल कर दिया था। इसके बाद उसे ट्रेंकुलाइज के प्रयास के दौरान वन्य प्राणी विशेषज्ञ डॉ. संजीव गुप्ता सहित दो अन्य वन कर्मियों पर भी हमला कर उन्हें जख्मी कर दिया। चार लोगों को घायल करने के बाद रातभर वह रेस्क्यू टीम नजरों से ओझल रहा था।
दूसरे दिन खेत में देखा गया टीम के जाने के बाद शुक्रवार सुबह करीब ११ बजे उसे फिर पास के ही दूसरे खेत में देखा गया। इससे टीम को फिर लौटना पड़ा। टीम के लोग पटाखे फोड़कर तेंदुए को जंगल की ओर भगाने में लगे थे। हालांकि दोपहर के बाद वह किसी को दिखाई नहीं दिया था। इससे टीम को उम्मीद थी कि पटाखों के शोर की वजह से वह जंगल की ओर भाग गया होगा।
तीसरे दिन शनिवार को डरे-सहमे ग्रामीण दिनभर तेंदुए को देखने का प्रयास करते रहे, लेकिन कहीं उसका पता नहीं चल पाया। इसके बाद भी ग्रामीणों का पूरा दिन दहशत में ही बीता। ग्रामीणों को इस बात का डर सता रहा था कि कहीं तेंदुआ फिर दिखाई नहीं दे या फिर अचानक किसी पर हमला नहीं कर दे।