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देवेंद्रनगर: ट्रांसपोर्ट नगर का अभाव, रोजाना हो रहे सड़क हादसे

locationपन्नाPublished: Jun 20, 2016 06:43:00 pm

Submitted by:

suresh mishra

सैकड़ों की संख्या में निजी मालवाहक वाहन होने के बाद भी शहर में कहीं नहीं वाहनों को खड़े करने की व्यस्था

Road Accident

Road Accident


पन्ना।
देवेंद्रनगर जिले के प्रमुख कस्बों में से एक है। एक समय इसकी पहचान ट्रकों के शहर के रूप में की जाती थी। लेकिन ट्रक मालिकों की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिए जाने के कारण धीरे-धीरे यह कारोबार सिमटता नजर आ रहा है। देवेंद्रनगर कस्बा एनएच-75 के दोनों ओर बसा हुआ है। यहां वाहनों को पार्क करने के लिए समुचित स्थान नहीं होने से ट्रक सड़क के दोनों ओर खड़े हो जाते हैं। पिछले दिनों लगातार दो बड़े सड़क हादसे होने के बाद ट्रांसपोर्ट नगर की मांग एकबार फिर जोर पकडऩे लगी है।

गौरतलब है कि जिले के देवेंद्रनगर कस्बे में एक समय 5 सौ से भी अधिक ट्रक हुआ करते थे। लेकिन जिम्मेदारों द्वारा उनकी ट्रक संचालकों की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं देने सहित विभिन्न समस्याओं के चलते धीरे-धीरे यह कारोबार सिमटता जा रहा है। अब हालात यह है कि शहर में करीब 250 ट्रक ही बचे हैं। अब वहीं लोग ट्रक चला पा रहे हैं जिनके कई वाहन हैं।

वाहनों की पार्किंग है बड़ी समस्या
छोटे से क्षेत्र में सड़क किनारे बसे देवेंद्रनगर कस्बे के लिए वाहनों की पार्किंग बड़ी समस्या बनी हुई है। यहां प्रतिदिन रात में एक सैकड़ा ट्रक सड़क के दोनों ओर खड़े रहे हैं। इससे रात के समय हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है। पिछले दिनों लागातार दो दिनों तक बड़े सड़क हादसे होने के बाद पुलिस और स्थानीय प्रशासन गहरी नींद से जागा और ट्रक मालिकों को सड़क के दोनों किनारों पर ट्रक खड़े करने से इंकार करने लगा। ट्रकों को सड़क के दोनों किनारों पर खड़े करने से मना तो किया जा रहा है लेकिन उन्हें यह नहीं बताया जा रहा है कि वे ट्रकों को खड़े कहां करें।

बस स्टैंड भी परेशानी भरा

बस स्टैंड मुख्य मार्ग में बनने के बजाए करीब 100 मीटर अंदर घुसकर बनाया गया है। बस स्टैंड पहुंचमार्ग में भी लोगों ने अतिक्रमण करके दुकानें लगा ली हैं। इन चाय नास्ता की दुकानों के सामने बड़ी सुंख्या में लोगों की भीड़ लगती है। इससे बसों को बस स्टैंड में पहुंचने में ही भारी परेशानी का सामना करना पड़ाता है। बस स्टैंड के लिए स्थान के चयन और इसके विकास में बरती गई लापरवाही के कारण यहां अभी से परेशानी होने लगी है। आगामी सालों में बसों की संख्या बढऩे से समस्या और भी अधिक बढ़ सकती है।
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