इस अवसर पर मंदिर परिसर में जमकर अतिशबाजी हुई। जन्मोत्सव के आधा घंटे पहले से ही आतिशबाजी होने लगी और बैंड बजने लगे थे। जन्मोत्व के समय हालत यह थी कि मंदिर के अंदर लोगों को पैर रखने के लिए भी जगह नहीं मिल रही थी। दोपहर ठीक 12.00 बजे जैसे ही मंदिर के पट खुले वैसे ही वैदिक मंत्रोच्चार शुरू हो गए। पन्ना राजपरिवार के सदस्य भगवान के चंवर डुला रहे थे।
भगवान के जन्मोत्सव को लेकर मंदिर परिसर में बीते कइ दिनों से तैयारियां चल रही थीं। हलषष्टी पर श्निवार की सुबह से ही मंदिर परिसर में भक्तिगीतों की धुन बजने लगी थी। सुबह करीब 10.00 बजे से श्रद्धालुओं के मंदिर आने का क्रम भी शुरू हो गया था।
दोपहर 12.00 बजे तक हालात यह हो गई कि मंदिर के अंदर लोगों को पैर रखने के लिए भी जगह नहीं मिल पा रही थी। पंडित वेदमंत्रो का गायन कर रहे थे तेा दूसरी ओर महिलाएं भजन कर रही थीं। दोपहर १२ बजते ही मंदिर के पट खुले और भगवान का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ जन्मोत्सव मनाया जाने लगा।पूरा मंदिर परिसर भगवान शेषावतार के जयकारों से गूंज उठा। जन्मोत्सव के बाद श्रद्धालुओं के मंदिर के अंदर से बाहर निकलने की व्यवस्था पीछे वाले गेट से की गई थी। पीछे वाला गेट संकरा होने और एकदम से श्रद्धालुओं के निकलने के कारण काफी समय तक लोग गेट में ही फसे रहे।
महिलाओं ने की हलषष्टी व्रत की पूजा
हलषष्टी व्रत पर पुत्रवती माताओं ने व्रत रखा हुआ था। उनके पूजन के लिए मंदिर परिसर में ही व्यवस्था की गई थी। मंदिर परिसर में महिलाओं के प्रवेश द्वारा के पास ही पूजा में उपयोग होने वाली जाली-झूली आदि बांधी गई थीं। जहां व्रत रखने वाली माताएं पूजन सामग्री के साथ मंदिर परिसर पहुंचीं और यहां पर पूजन अर्चन किया। साथ ही पुत्रों की लंबी आयु की कामना हलछट मइया से की। यहां पूजन के लिए सैकड़ों की सं या में महिलाएं एकसाथ पहुंची हुई थीं।
प्रसाद के लिए लगी लंबी लाइन
मंदिर के पूछे वाले गेट से निकले के साथ ही श्रद्धालु महिलाएं और पुरुष अलग-अलग लाइन में लगकर प्रसाद लेने के लिए अपनी बारी के आने का इंतजार कर रहे थे। इससे दोनों ओर लंबी लाइन लगी हुई थी। लोगों की निकासी के समय मंदिर के प्रमुख प्रवेश द्वार पर भी लोगों जाम के हालात रहे। एकदम से लोगों के निकलने के कारण लोगों को निकलने के लिए भी जगह नहीं मिल पा रही थी।
जन्मोत्सव के समय यातायात पुलिस द्वारा मंदिर मार्ग से गुजने वाले मार्ग डायवर्ट कर दिए गए थे। त्यौहार के दौरान लोगों को परेशानी नहीं हो इससे मंदिर के आसपास सड़क में बने गड् ढ़ों को भर दिया गया था। मंदिर के बाहर बलदेव जी चौक में बड़ी सं या में पूजन सामग्री के विक्रय की दुकानें भी लगी हुई थीं। पूरे मंदिर क्षेत्र में दोपहर करीब एक बजे तक जाम के हालात रहे।