इन बड़े हीरों को खरीदने के लिए इस बार देशभर से करीब एक सैकड़ा हीरा पारखी व कारोबारी पन्ना पहुंचे हैं। इस बार नीलामी में हिस्सा लेने वाले व्यापारियों की संख्या अधिक होने के कारण जिस पंडाल में हर बार नीलामी होती थी उसके आकार को करीब दोगुना कर दिया गया है।
गौरतलब है कि जिले की उथली खदानों से प्राप्त हीरों की नीलामी कलेक्ट्रेट परिसर स्थित हीरा कार्यालय में 28 दिसंबर की सुबह से प्रारंभ हुई। बोली में उज्ज्वल, मैले एवं औद्योगिक किस्म के लगभग 161 हीरे नीलामी के लिए रखे गए हैं। जिनका कुल वजन लगभग 203.26 कैरेट है।
इनमें से सभी के लिए 42 और 12 कैरेट के हीरे आकर्षण का केंद्र रहे। खरीदारों द्वारा इन्हीं हीरों को नीलाम करने को लेकर अधिक रुचि दिखाई जा रही थी। हीरा करोबार से जुड़े लोगों के अनुसार ये बड़े हीरे 3 से 6 लाख रुपए प्रति कैरेट की दर से बिक सकते हैं। इससे 42 कैरेट की कीमत दो से ढाई करोड़ तक हो सकती है। बोली में इसकी कीमत और भी अधिक बढ़ सकती है।
नीलामी में पहले दिन बिके १३ लाख से अधिक के हीरे हीरों की नीलामी प्रक्रिया के पहले दिन 13 लाख रुपए से अधिक के हीरे बेचे गए। दोपहर ढाई बजे से शुरू हुई नीलामी में 59.46 कैरेट वजन के कुल 87 हीरों की बिक्री हुई। इन्हें कुल 13,02,564 रुपए में बेचा गया। नीलामी की प्रक्रिया शनिवार को फिर सुबह 9 बजे से शुरू होगी। हीरा पारखियों और व्यापारियों को सुबह 9 बजे से ट्रे में सजाकर हीरा परखने के लिए दिया जाएगा। इसके बाद दोपहर ढाई बजे से बोली शुरू होगी।
चुनावी प्रक्रिया के कारण निरस्त हो गई थी पूर्व की नीलामी इससे पूर्व अक्टूबर में चुनावी प्रक्रिया के कारण नीलामी प्रक्रिया रोक दी गई थी। इससे करीब पांच माह बाद हो रही नीलामी के कारण भी कारोबारियों की संख्या अधिक होना बताया जा रहा है। हालांकि इन सभी के बीच बड़े हीरे को लेकर आकर्षण होना भी इस बार कारोबारियों को आकर्षित कर रहा है। हथियारबंद सुरक्षाकर्मी सिर्फ कार्डधारी लोगों को ही नीलामी प्रक्रिया वाले स्थान तक जाने दे रहे थे।