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पन्ना में फीकी हो रही डायमंड की चमक, साल दर साल कम होता जा रहा हीरों का उत्पादन

locationपन्नाPublished: Feb 16, 2018 11:34:24 am

Submitted by:

suresh mishra

देशभर में डायमंड सिटी के नाम से मशहूर पन्ना में ही डायमंड की चमक फीकी होती जा रही है।

Diamond Mining Project in Panna less production of panna diamonds

Diamond Mining Project in Panna less production of panna diamonds

शशिकांत मिश्रा @ पन्ना। देशभर में डायमंड सिटी के नाम से मशहूर पन्ना में ही डायमंड की चमक फीकी होती जा रही है। जिम्मेदारों द्वारा संरक्षण देने के प्रयास नहीं किए जाने के कारण यह कारोबार दिनोंदिन सिमटता जा रहा है। वर्ष 2014 में जहां 1130 पट्टे बांटे गए थे, वहीं वर्ष 2017 में जारी पट्टों की संख्या घटकर 55 रह गई थी। हीरा खदानों को जारी होने वाले पट्टों में कमी आने और हीरों का उत्पादन लगातार गिरने का मूल कारण हीराधारित पट्टी का अधिकांश भाग वन विभाग के क्षेत्र में जाना है।
जानकारी के अनुसार पन्ना के अतिरिक्त ब्रजपुर, पहाड़ीखेड़ा के खेतों और जंगलों के साथ ही सतना जिले के बरौधा का कुछ क्षेत्र भी हीराधारित क्षेत्र के अंतर्गत आता है। पूर्व के सालों में सतना जिले के जंगलों में भी हीरा की मौजूदगी को लेकर सर्वे हुआ था।
हीरे का डिपॉजिट भी अच्छा

जिलाधारित पटï्टी का करीब दो हजार हेक्टेयर का क्षेत्रफल पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर जोन और रेगुरल फॉरेस्ट में चला गया है। इससे अब इन क्षेत्रों में वैधानिक रूप से हीरों का उत्खनन नहीं हो पा रहा है, जबकि अवैध खदानों से निकला हीरा करोड़ों के काले कारोबार का कारण है। हीरा कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि पूर्व में जिन क्षेत्रों में बड़ा और अच्छी क्वालिटी का हीरा मिलता है, अब वह वन क्षेत्रों में चली गई है। वहां हीरे का डिपॉजिट भी अच्छा है।
अभी दो सर्किल में दिए जा रहे खदानों के पट्टे
हीरा विभाग के अनुसार हीराधारित बड़ा क्षेत्रफल वन क्षेत्र में जाने के बाद अब वैधानिक रूप से पन्ना और इटमा सर्किल की जमीनों में ही हीरा खदान संचालन के लिए पट्टे दिए जा रहे हैं। पन्ना सर्किल में जिन क्षेत्रों में हीरा खदानों के पट्टे दिए जा रहे हैं उनमें कमलाबाई का तालाब, सकरिया (चौपरा), कृष्णा कल्याणपुर (पटी) और रक्सेहा की शासकीय जमीन शामिल है, जबकि दहलान चौकी के लिए निजी जमीनों में भी हीरा खदानों के लिए पट्टे जारी किए जाते हैं। वहीं इटमा सर्किल में किटहा, इटमाखास (बगीचा), बडग़ड़ी (मुड्ढा हजारा), सिरस्वाह (भरका), रमखिरिया, मडफ़ा, सिरसा आदि क्षेत्र शामिल हैं। यहां पट्टों की सख्या भी कम होती जा रही है।
5 सालों में उथली हीरा खदानों को जारी पट्टे
2013 946
2014 1130
2015 887
2016 910
2017 505

57 सालों में उथली हीरा खदानों से मिले हीरे

1961 44055 रसूल मोहम्मद महलोन का सेहा
1966 40.19 मझली मुम्हारिन पन्ना महलोन का सेहा
1970 39.00 नारायण पन्ना पुखरी
1984 36.80 रहमान, देवेंद्रनगर जनकपुर
1991 34.70 मुतियां गोड़, सकरिया सकरिया
1970 29.69 तीरथ प्रसाद, चित्रकूट महुआटोल
1969 28.13 पीर मोहम्मद पन्ना खिन्नी घाट
1968 26.32 रामप्रसाद कुड़ार बरम की खईया
पांच सालों में उथली हीरा खदानों का उत्पादन
2013 463 388.63
2014 1320 957.1
2015 1104 916.05
2016 1102 908.92
1017 067 804.8

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