मुखबिर द्वारा पुलिस को सूचना दी गई कि ज्ञानी कोरी पिता स्वामीदीन कोरी निवासी बड़ी मडैय़न ने शासकीय नाला से अवैध रूप से खदान लगाए हुए था। जहां से उसे पांच नग हीरा मिले हैं। उक्त हीरों को उसने चोरी छपे जबेर खां पिता जफर मोहम्मद निवासी रानीगंज को बेच दिया है। जफर गांधी चौक पन्ना में घड़ी की दुकान किए है। उसने पांच नग हीरे महज 35 हजार 100 रुपए में खरीदे हैं। अवैध रूप से बेचे गए हीरों की राशि लेकर ज्ञानी कोरी पन्ना से बड़ी मडैय़न जा रहा था। तभी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। जब्त हीरों को विभाग से परीक्षण कराया गया। हीरे सही पाए गए हैं। पांचों हीरों का वजन 2 कैरेट 90 सेंट पाया गया। आरोपी से कोतवाली टीआई अरविंद कुजऱ भी सघन पूछताछ कर जानकारी जुटाने का प्रयास किया। बताया कि बृजपुर में अधिकांश लोग हीरा खनन में लिप्त रहते हैं और कम दाम पर स्थानीय व्यापारियों को बेच देते हैं। ऐसे सभी अनाधिकृत व्यापारियों को चिह्नित करने के लिए व्यापक कार्ययोजना बनाई जा रही है। जल्द ही उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
सूचना पर थाना प्रभारी राकेश तिवारी ने वरिष्टअधिकारियों को जानकारी देते हुए जागेन्द्र शर्मा, गिरधारी साह, पदम सिहं, पुनीता शर्मा, शिखा शक्ला और शेख हबीब को लेकर बिलखरा चौराहे पर रेड कार्यवाही करते हये ज्ञानी कोरी को पकड़ा । पूछताछ में उसने अवैध रूप से संचालित हीरा खदान से हीरे मिलने और उसे अवैध रूप से बेचने की बात कबूल कर ली। हीरा जुबेर खां को बेचना व 35000 रुपए प्राप्त करना बताया। पुलिस ने उक्त राशि को जब्त कर ज्ञानी कोरी की निशानदेही पर जबेर खां को पन्ना में हिरासत में लिया। पूछताछ में जुबेर ने गांधी चौक में घड़ी की दुकान में रखे हीरों को बरामद करा दिया। दोनो के पास खरीदने व खनन करने का लाईसेस नहीं होने पर धारा 379ए,411 आईपीसी के तहत अपराध दर्जकर लिया गया।
पुलिस मानती है कि जिस घड़ी वाले को हीरे बेचे गए थे, वह खुद राष्ट्रीय व अंतरराष्टीय मार्केट तक हीरे नहीं पहुंचा सकता। ऐसे और कईलोग भी हो सकते हैं तो जिनके बारे में पुलिस को उम्मीद है कि वह मध्यस्तता का काम करते होंगे। यह जिन लोगों को हीरा बेचते य बाहर के मार्केट में कारोबार के लिए उपलब्ध कराते था पुलिस उन बड़े नामों को उगलवाने की फिराक में है। यही कारण है कि आरोपियों से कोतवाली पुलिस द्वारा भी पूछताछ की गई है। इसके साथ ही बृजपुर पुलिस भी हीरा कारोबार में लिप्त संदिग्ध लोगों े पर नजर रखे हुए है। इससे उम्मीद की जा रही है कि आगामी दिनों हीरे के अवैध कारोबार में जुड़े कुछबड़े नामों का पुलिस खुलासा कर सकती है।
प्रदेश के खनिज सचिव नरेंद्र सिंह परमार ने 20 अगस्त को बंदर प्रोजेक्ट के हीरों स्मगलिंग से जुड़े सवाल पर कहा था कि मैं भी इसी क्षेत्र का हूं। यहां की हकीकत से अवगत हूं। दावा किया था पन्ना जिले की उथली हीरा खदानों से प्राप्त होने वाले 70 फीसदी हीरे चोरी होते हैं। ेलेकिन उनकी बात को न तो हीरा कार्यालय ने गंभीरता से लिया न ही जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने। उक्त कार्रवाई के बाद उनकी यह बात सच शाबित हो रही है। यदि सभी विभागों ने पूर्व में ही मामले को गंभीरता से लिया होता तो अब तक न जाने कितने कारोबारी सलाखों के पीछे होते।
2018 में मदन सोनी पिता सुदर्शन प्रसाद (35) निवासी मुख्तारगंज सतना व बिनय शुक्ला पिता सुशील कुमार निवासी रैगांव सतना को हीरों की स्मगलिग करते पकड़ा गया था। उनके पास से 29 नग बिना तरासे हीरे जब्त कए गए थे। इनका वजन तकरीबन 14 कैरेट 20 सेंट था। साथ ही 4 हीरे तरासे हुए जब्त किए गए थे, जो 4 कैरेट 25 सेट यानी 4 लाख 25 हजार रुपए के थे। जब्त ३३ नग हीरों की कीमत 7 लाख 25 हजार 700 रुपए बताई थी।