प्रबंधन और डॉक्टरों के लापरवाही की सजा गरीबों को
बुधवार को सुबह करीब साढ़े ११ बजे अस्पताल की ओपीडी में सिर्फ एक डॉक्टर ही बैठे हुए थे।जबकि यहां न्यूनतम ४ डॉक्टर पूरे समय उपलब्ध होना चाहिये। सीएस, अस्पताल प्रशासक और कलेक्टर को मोबाइल में यह सुविधा है कि अस्पताल में होने वाली हर हरकत को अपने मोबाइल में कभी भी देख सकते हैं। इसके बाद भी जिला अस्पताल की स्थिति में ज्यादा असर नहीं पड़ा है। बताया गया कि इन दिनों जिला अस्पताल में पदस्थ कुछ डॉक्टर भोपाल गए हुए हैं। कुछ अवकाश पर हैं। इससे यह समस्या हो रही है। सूत्र बताते हैं कि कुछ डॉक्टर मशीन में उपस्थिति दर्ज कराने के बाद कभी भी अपने क्वार्टरों में चले जाते हैं। जिला अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा मरीजों को दोपहर दो बजे के बाद क्वार्टरों में बुलाया जाता है और फीस लेने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया जाता है। ये डॉक्टर वार्डों में भर्ती अपने मरीजों को देखने के लिये वार्ड में भी जाते हैं और उन्हीं की जांच करते हैं।
मौसमी बीमारियों के मरीज बढ़े
मौसम में आ रहे बदलाव के कारण जिला अस्पताल में मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। इन दिनों अस्पताल आने वाले अधिकांश मरीजों में शर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी, आंखों में जलन, सन बर्न और लू आदि से बीमार हैं। मौसम में आए बदलाव के कारण इन दिनों लू लगने की आशंका बढ़ गई है। इसी को देखते हुए लोगों को लू से बचाव के उपाए बताए गए हैं। सीएमएचओ डॉ. एलके. तिवारी ने बताया, लू ताप सभी उम्र वर्ग में होने की संभावना रहती है लेकिन वृद्ध, गर्भवती महिलाएं, नवजात शिुश, युवा, क्रोनिक बीमारियों से ग्रस्त मरीजों में यह संभावना और अधिक पाई गई है। अत्याधिक गर्मियों में लू जानलेवा भी हो सकता है। उन्होंने कहा, लू के प्रभाव को गंभीरता से लें ,इससे बचाव हेतु आवश्यक सावधानी रखें और सुरक्षित रहें। उन्होंने बताया, घर से बाहर निकलने के पहले भरपेट पानी पियें। सूती, ढीले एवं आरामदायक कपड़े पहनें। धूप में निकलते समय अपना सिर ढंककर रखें । इसके लिये टोपी,कपड़ा, छतरी का उपयोग करें। पानी, छांछ, ओआरएस का घोल या घर में बने पेय पदार्थ जैसे लस्सी, नीबू पानी, आम का पना इत्यादि का सेवन करें। भरपेट ताजा भोजन करके ही घर से निकलें । धूप में अधिक नहीं निकलें। सिरदर्द, बुखार, उल्टी, अत्याधिक पसीना एवं बेहोशी आना, कमजोरी महसूस होना शरीर में ऐठन नब्ज असामान्य होना की स्थिति में लू लग सकती है। इससे बचने के लिये जरूरी है कि धूप में खाली पेट नहीं निकलें। धूप में निकलने के पूर्व तरल पदार्थ का सेवन करें। मिर्च मसाले युक्त एवं बासी भोजन नहीं करें। बुखार आने पर ठंडे पानी की पट्टियां रखें। कूलर या एयर कंडीशन से धूप में एकदम नहीं निकलें। लू से प्रभावित व्यक्ति को छायादार जगह पर लिटाएं। व्यक्ति के कपडे ढीलें करें। उसे पेय पदार्थ कच्चे आम का पना आदि पिलाएं। तापमान घटाने के लिए ठंडे पानी की पट्टियां रखें। प्रभावित व्यक्ति तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर चिकित्सकीय परामर्श लें।
जिला अस्पताल में डॉक्टरों के अधिकांश पद रिक्त हैं। इस समय कुछ डॉक्टर भोपाल गए हुए हैं। कुछ अवकाश पर हैं। एक डॉक्टर के ओटी में चले जाने के बाद ओपीडी में एक ही डॉक्टर बचे थे।
एचएस त्रिपाठी, अस्पताल प्रशासक