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एक डॉक्टर के भरोसे जिला अस्पताल की ओपीडी, मरीज परेशान

locationपन्नाPublished: Apr 24, 2019 09:15:42 pm

Submitted by:

Shashikant mishra

मौसम में परिवर्तन से अस्पताल में मरीजों की संख्या बढऩे के बाद भी ओपीडी की हादत बदहालवार्डों में भी बढ़ी मरीजों की संख्या, जानकारी के बाद भी जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यानओपीडी में डॉक्टरों के नहीं बैठने के कारण मरीजों और परिजनों को उठानी पड़ रही है परेशानी

एक डॉक्टर के भरोसे जिला अस्पताल की ओपीडी, मरीज परेशान

एक डॉक्टर के भरोसे जिला अस्पताल की ओपीडी, मरीज परेशान

पन्ना. जिला अस्पताल के ओपीडी में बुधवार को एक ही डॉक्टर बैठे हुए थे, जबकि ओपीडी का पूरा कमरा मरीजों से भरा हुआ था। कमरे के अंदर ही महिलाओं और पुरुष मरीजों की अलग-अलग लाइनें तो लगी हुई थीं, लेकिन उन्हें देखने के लिये डॉक्टर ही नहीं थे। ओपीडी में अपना नंबर आने के लिये मरीज घंटों तक लाइन में खड़े रहे, इसके बाद भी अधिकांश लोगों को इलाज नहीं मिल पाया। जिला अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों की लापरवाही के कारण ऐसे हालात रोज बन रहे हैं। एक दिन पूर्व मंगलवार को भी ओपीडी में सिर्फ दो डॉक्टर थे, जबकि मौसम में आए बदलाव के कारण मौसमी मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। यही कारण है कि जिला अस्पातल की ओपीडी के साथ वार्डों में भी मरीजों की संख्या बढ़ी है। इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधक, सीएस और जिला प्रशासन को भी है। इसके बाद भी मरीजों की सुविधा को लेकर गंभीरता पूर्वक प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि करीब १२ लाख की आबादी वाले जिले में जिला अस्पताल ही ऐसा स्थान है जहां मरीजों को इलाज की समुचित सुविधा है। इसके बाद भी यहां व्यवस्थाओं को सुधारने की दिशा में ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढऩे के बाद भी यहां ओपीडी में डॉक्टर नहीं बैठ रहे हैं। बुधवार को भी ओपीडी कक्ष के अंदर मरीजों की दो लाइनें लगी हुई थीं, इसके बाद बगैर लाइन में भी दर्जनों लोग घुसे हुए थे। इसे बाद करीब आधा सैकड़ा लोग ओपीडी कक्ष के बाहर कुर्सियों में बैठकर इलाज कराने के लिये अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे, लेकिन एक बजे तक अधिकांश लोगों को इलाज नहीं मिल पाया। जिला अस्पताल की ओपीडी में सिर्फ एक ही डॉक्टर थे। जिससे मरीजों अस्पताल में विवादित हालात बन रहे थे। अस्पताल सूत्रों के अनुसार एक दिन पूर्व मंगलवार को भी अस्पताल के ओपीडी में सिर्फ दो डॉक्टर थे। ओपीडी में डॉक्टरों के नहीं बैठने के कारण मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।

प्रबंधन और डॉक्टरों के लापरवाही की सजा गरीबों को
बुधवार को सुबह करीब साढ़े ११ बजे अस्पताल की ओपीडी में सिर्फ एक डॉक्टर ही बैठे हुए थे।जबकि यहां न्यूनतम ४ डॉक्टर पूरे समय उपलब्ध होना चाहिये। सीएस, अस्पताल प्रशासक और कलेक्टर को मोबाइल में यह सुविधा है कि अस्पताल में होने वाली हर हरकत को अपने मोबाइल में कभी भी देख सकते हैं। इसके बाद भी जिला अस्पताल की स्थिति में ज्यादा असर नहीं पड़ा है। बताया गया कि इन दिनों जिला अस्पताल में पदस्थ कुछ डॉक्टर भोपाल गए हुए हैं। कुछ अवकाश पर हैं। इससे यह समस्या हो रही है। सूत्र बताते हैं कि कुछ डॉक्टर मशीन में उपस्थिति दर्ज कराने के बाद कभी भी अपने क्वार्टरों में चले जाते हैं। जिला अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा मरीजों को दोपहर दो बजे के बाद क्वार्टरों में बुलाया जाता है और फीस लेने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया जाता है। ये डॉक्टर वार्डों में भर्ती अपने मरीजों को देखने के लिये वार्ड में भी जाते हैं और उन्हीं की जांच करते हैं।

मौसमी बीमारियों के मरीज बढ़े
मौसम में आ रहे बदलाव के कारण जिला अस्पताल में मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। इन दिनों अस्पताल आने वाले अधिकांश मरीजों में शर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी, आंखों में जलन, सन बर्न और लू आदि से बीमार हैं। मौसम में आए बदलाव के कारण इन दिनों लू लगने की आशंका बढ़ गई है। इसी को देखते हुए लोगों को लू से बचाव के उपाए बताए गए हैं। सीएमएचओ डॉ. एलके. तिवारी ने बताया, लू ताप सभी उम्र वर्ग में होने की संभावना रहती है लेकिन वृद्ध, गर्भवती महिलाएं, नवजात शिुश, युवा, क्रोनिक बीमारियों से ग्रस्त मरीजों में यह संभावना और अधिक पाई गई है। अत्याधिक गर्मियों में लू जानलेवा भी हो सकता है। उन्होंने कहा, लू के प्रभाव को गंभीरता से लें ,इससे बचाव हेतु आवश्यक सावधानी रखें और सुरक्षित रहें। उन्होंने बताया, घर से बाहर निकलने के पहले भरपेट पानी पियें। सूती, ढीले एवं आरामदायक कपड़े पहनें। धूप में निकलते समय अपना सिर ढंककर रखें । इसके लिये टोपी,कपड़ा, छतरी का उपयोग करें। पानी, छांछ, ओआरएस का घोल या घर में बने पेय पदार्थ जैसे लस्सी, नीबू पानी, आम का पना इत्यादि का सेवन करें। भरपेट ताजा भोजन करके ही घर से निकलें । धूप में अधिक नहीं निकलें। सिरदर्द, बुखार, उल्टी, अत्याधिक पसीना एवं बेहोशी आना, कमजोरी महसूस होना शरीर में ऐठन नब्ज असामान्य होना की स्थिति में लू लग सकती है। इससे बचने के लिये जरूरी है कि धूप में खाली पेट नहीं निकलें। धूप में निकलने के पूर्व तरल पदार्थ का सेवन करें। मिर्च मसाले युक्त एवं बासी भोजन नहीं करें। बुखार आने पर ठंडे पानी की पट्टियां रखें। कूलर या एयर कंडीशन से धूप में एकदम नहीं निकलें। लू से प्रभावित व्यक्ति को छायादार जगह पर लिटाएं। व्यक्ति के कपडे ढीलें करें। उसे पेय पदार्थ कच्चे आम का पना आदि पिलाएं। तापमान घटाने के लिए ठंडे पानी की पट्टियां रखें। प्रभावित व्यक्ति तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर चिकित्सकीय परामर्श लें।

जिला अस्पताल में डॉक्टरों के अधिकांश पद रिक्त हैं। इस समय कुछ डॉक्टर भोपाल गए हुए हैं। कुछ अवकाश पर हैं। एक डॉक्टर के ओटी में चले जाने के बाद ओपीडी में एक ही डॉक्टर बचे थे।
एचएस त्रिपाठी, अस्पताल प्रशासक
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