यही मटमैला पानी शहर को सप्लाई की जा रही है। इस पानी को पीने से लोग बीमार पड़ रहे हैं। गौरतलब है कि नगर पालिका द्वारा इन तालाबों से शहर को पानी की आपूर्ति करती है। इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी के कारण तालाबों का पानी तेजी से वाष्पीकृत हो रहा है।
अब हालात यह है कि निरपत सागर और लोकपाल सागर पूरी तरह से सूख गए हैं। धरम सागर में जरूर करीब पांच एकड़ के क्षेत्रफल में पानी बचा है। बताया जाता है कि यह पानी १५ से २० दिन की सप्लाई के लिए ही उपलब्ध है।
यदि शीघ्र ही मानसूनी बारिश नहीं हुई तो शहर में जल संकट की स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। नगर में हो रहे दूषित पानी की सप्लाई से लोगों के बीमार पडऩे की आशंका है।
यदि शीघ्र ही मानसूनी बारिश नहीं हुई तो शहर में जल संकट की स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। नगर में हो रहे दूषित पानी की सप्लाई से लोगों के बीमार पडऩे की आशंका है।
करीब एक सप्ताह तक पानी के संकट से जूझने वाले जिला अस्पताल में दूषित पानी पीने से बीमार लोगों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। जिला अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन पहुंचने वालों की संख्या चार सौ के पार निकल गई है। पेयजल सप्लाई व्यवस्था नहीं सुधरी तो और भी मरीज बीमार होंगे।
आरओ प्लांटों को भरपूर पानी एक ओर जहां नगर के लोग एक-एक बाल्टी पानी को मोहताज हैं, वहीं नगर में चल रहे करीब आधा दर्जन आरओ प्लांटों को भरपूर पानी उपलब्ध हो रहा है। वे 20 से 40 रुपए प्रति केन के हिसाब से पानी बेचकर मोटी कमाई कर रहे हैं। वाहनों की धुलाई करने वाले सर्विसिंग स्टेशनों में दिनभर हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है।
कलेक्टर के निर्देश बेअसर कमिश्नर-कमिश्नर ने बीते माह बैठक लेकर बंद नलजल योजनाओं को चालू कराने का निर्देश दिया था। इसके बाद तत्कालीन कलेक्टर मनोज खत्री और वर्तमान कलेक्टर कर्मवीर शर्मा भी बैठक लेकर बंदी नलजल योजनाओं को चालू कराने को लेकर निर्देश दे चुके हैं, इसके बाद भी हालात यह है कि 4 जून की स्थिति में 76 नलजल योजनाओं को शासकीय रिकॉर्ड में बंद बताया जा रहा है।
हकीकत यह है कि जिन योजनाओं को चालू बताया जा रहा है उनमें से कई योजनाएं मौके पर निरीक्षण करने पर बंद पाई गईं। कलेक्टर की प्रेस कांफ्रेंस में भी बंद नलजल योजनाओं और शहर में जल संकट के हालात को लेकर चर्चा की गई थी। इसके बाद भी इस समस्या की ओर जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं।
शहर को स्वच्छ पानी देने के प्रयास जारी शहर के तालाबों में अभी 20-25 दिन के लिए मटमैला पानी बचा है। यह मटमैला पानी होने के कारण पर्याप्त ब्लीचिंग मिलाने के बाद साफ होने में करीब एक घंटे का समय लेता है। जल संकट के कारण पानी को साफ करने के लिए इतना समय नहीं मिल पाता है। शहर को स्वच्छ पानी देने के लिए सभी जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं।
बीके कोरी, उपयंत्री व पेयजल सप्लाई प्रभारी नपा, पन्ना
बीके कोरी, उपयंत्री व पेयजल सप्लाई प्रभारी नपा, पन्ना