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किताबी ज्ञान के साथ कानून की शिक्षा भी जरूरी

locationपन्नाPublished: Oct 17, 2019 01:57:54 am

Submitted by:

Sonelal kushwaha

विधिक साक्षरता शिविर न्यायाधिकारियों ने बच्चों को दी जानकारी

 Education of law is also necessary with book knowledge

Education of law is also necessary with book knowledge

पन्ना. दहलान चौकी स्थित शासकीय विद्यालय में मंगलवार को विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एडीजे आमोद आर्य ने बच्चों को विधिक साक्षरता शिविर के उद्देश्य बताते हुए कहा कि जिस प्रकार हमारे जीवन में सामान्य शिक्षा का अहम स्थान होता है, उससे कहीं ज्यादा हमें देश में संचालित विधि का ज्ञान होना आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि आपको विधि की जानकारी होगी, तभी आप उसके दण्डात्मक स्वरूप को समझेंगे। उसके परिणामों की बारे में जानकारी होगी तो निश्चित रूप से अपराधों से दूर रहेंगे। विधिक सेवा प्राधिकरण समय-समय पर विभिन्न स्थानों पर विधिक साक्षरता शिविर आयोजित कर सामान्य जीवन में उपयोगी विधि संबंधी विषयों पर सरल व सहज ढंग से जानकारी उपलब्ध कराता है। ताकि, समाज जागरूक हो और हम विधि का पालन करते हुए अपने कत्र्तव्यों को करते हुए अपने अधिकारों के प्रति सजग रह सकें।

मध्यस्थता की प्रक्रिया के लाभ
एडीजे आमोद आर्य ने 14 दिसंबर को होने वाली नेशनल लोक अदालत की जानकारी दी। मामलों का शीघ्र निराकरण करने के लिए लोगों को समझाइश देते हुए कहा कि लोक अदालत में आपसी सामांजस्य के माध्यम से मामलों का निपटारा किया जाता है। साथ ही आपने आपसी रंजिश को दूर करने व भाई-चारा को बढ़ाने के लिए मध्यस्थता की प्रक्रिया एवं उससे होने वाले लाभो के बारे में जानकारी प्रदान की।
सिंगल यूज प्लास्टिक के दुष्परिणाम बताए
सिंगल यूज प्लास्टिक के दुष्परिणामों के बारे में जानकारी देते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग न करने एवं समाज में अन्य व्यक्तियों को भी इसके प्रयोग न करने हेतु प्रचार-प्रसार करने हेतु समझाइश दी। आपने बाल विवाह को न सिर्फ कानूनी उल्लंघन बल्कि एक सामाजिक कुरीति बताते हुए इसके पूर्णत: रोक हेतु उपस्थितजनों को प्रेरित किया साथ ही वर्तमान परिवेश में बालक बालिका में भेद न करने, गुड टच-बैड टच, मोटरवाहन अधिनियम, मोबाइल का उपयोग कम से कम करने की समझाइश दी। दुरुपयोग से बचने व अन्य आवश्यक सामान्य विधियों के बारे में जानकारी भी दी। इस दौरान प्रधानाध्यापक प्रभा पाठक, सरपंच प्रेमता अहिरवार, सचिव राजकिशोर कुशवाहा व शिक्षकगण व ग्रामीण उपस्थित रहे।

मौलिक अधिकारों व कर्तव्यों से रूबरू हुए
जिला विधिक सहायता अधिकारी मुहम्मद जीलानी ने भारतीय संविधान में वर्णित मौलिक अधिकारों एवं कत्र्तव्यों के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए उपस्थित बच्चों से सवाल जवाब भी किये। उन्होंने मोटर वाहन अधिनियम की जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि हमे आवश्यक दस्तावेजो यथा-वाहन रजिस्टे््रशन, लायसेन्स, बीमा अनिवार्य रूप से रखना चाहिए, हेलमेट का प्रयोग अनिवार्य रूप से करना चाहिए एवं सड़क दिशा-निर्देशो का पालन करना चाहिए। आपने ग्रामीण श्रमिको के हितार्थ प्राधिकरण द्वारा संचालित योजनाओ, मनरेगा, नालसा की अनुसूचित जनजातियो को विधिक सेवाये योजना 2015 एवं अन्य आवश्यक विधियों के बारे में जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम का संचालन व आभार प्रदर्शन प्राचार्य शकुंतला अहिरवार ने किया।
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