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मुक्तिधाम की जमीन में अतिक्रमण, अंतिम संस्कार के लिए घंटों रखा रहा शव

locationपन्नाPublished: Aug 17, 2019 01:28:45 pm

Submitted by:

Shashikant mishra

एसडीएम ने मौक पर पहुंचने के बाद मृतक के परिजनों को समझाइश देकर किसी तरह कराया अंतिम संस्कार मुक्तिधाम की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने और नवीन मुक्तिधाम बनवाने के दिए निर्देश

एसडीएम ने मौक पर पहुंचने के बाद मृतक के परिजनों को समझाइश देकर किसी तरह कराया अंतिम संस्कार

एसडीएम ने मौक पर पहुंचने के बाद मृतक के परिजनों को समझाइश देकर किसी तरह कराया अंतिम संस्कार

पन्ना. पन्ना जनपद की ग्राम पंचायत इटवां कला में परिवार के किसी सदस्य के निधन होने पर लोगों को उसके मौत से ज्यादा अंतिम संस्कार के लिए जगह की चिंता सताने लगती है। यहां सार्वजनिक शमशान घाट नहीं होने से पूर्व में भी शव के अंतिम संस्कार को लेकर कई परेशानियां खड़ी हो चुक हैं। पंचायत के गांव मडैयन में 90 साल के वृद्ध की गुरुवार की रात मौत हुई तो उनके परिवार को यह चिंता सताने लगी ,अब इनका अंतिम संस्कार कहां किया जाए। अंतिम संस्कार के लिए गांव के पास उनकी खुद की जमीन नहीं थी और गांव में कोई सार्वजनिक मुक्तिधाम नहीं था। इसने गांव के वरिष्ठ लोगों को बुलाया और अंतिम संस्कार के लिए जमीन की बात कही। करीब पांच घंटे तक मृतक का शव सिर्फ इसलिए घर में रखा रहा क्योंकि उसके अंतिम संस्कार के लिए गांव में जगह नहीं मिल रही थी।

जानकारी के अनुसार मडैयन की आबादी ३ हजार है। यहां करीब आधा सैकड़ा परिवार भूमिहीन हैं। जिनके पास खुद की जमीन है । कुछ परिवारों के पास जमीन तो है पर वह इतनी दूर है कि अंतिम संस्कार के लिए वहां तक शव को पैदल ले जाना संभव नहीं हो पाता है। गांव में अभी तक कोई सार्वजनिक मुक्तिधाम की व्यवस्था नहीं की गई है। इससे ऐसे लोग जो भूमिहीन है य फिर जिनके ख्ेात गांव से बहुत दूर हैं वे गांव के ही सजातीय परिवरों से जमीन में शव दाह की याचना करते हैं। यह सालों से चला आ रहा है। इसकी जानकारी ग्राम पंचायत से लेकर जनपद तक के अधिकारियों को भी है। इसके बाद भी यहां मुक्तिधाम के निर्माण की दिशा में सार्थक पहल नहीं की जा रही है।

तत्कालीन कलेक्टर ने मुक्तिधाम बनाने के दिए थे निर्देश
ग्रामीणों के अनुसार वर्ष 2016 में गंाव में मुक्तिधाम नहीं होने से लोगों को होने वाली परेशानी का मामला मीडिया में आया था। इसके बाद तत्कालीन कलेक्टर जेपी आईरीन सिंथिया ने जनपद को गांव में मुक्तिधाम बनवाने के निर्देश दिए थे। जिनके निर्देश पर ग्राम पंचायत ने पूर्व के मुक्तिधाम से अतिक्रमण नहीं हटाकर गांव से करीब दो किमी. दूर नवीन स्थान पर मुक्तिधान बनाने का काम शुरू किया था। पिलर के लिए खुदाई भी कर ली गई थी, लेकिन इसकी दूरी गांव से अधिक होने के कारण गांव के लोगों ने पूर्व के मुक्तिधाम में ही काम कराने की बात कही। अतिक्रमण प्रभावशाली लोगों का होने के कारण पंचायत ने अतिक्रमण हटाना जरूरी नहीं समझा। इससे गांव में आज तक मुक्तिधाम का निर्माण नहीं हा सका। इससे गांव के लोगों के लिए यह समस्या आज भी बनी हुई है।

बवाल मचने पर पहुंचा प्रशासनिक अमला
जानकारी के अनुसार ग्राम मडैयन में वृद्ध की मौत के बाद परिजन सुबह से उसके अंतिम संस्कार के लिए जमीन तलाशते फिर रहे थे। गांव के लोगों द्वारा सरपंच हेतमरा कुशवाहा और सचिव अरविंद कुमार मिश्रा को बुलाया, लेकिन सरपंच नहीं पहुंचे। सचिव अरविंद कुमार मिश्रा और पीसीओ वृंदावन कुशवाहा मौके पर पहुंचे और मृतक के परिजनों व ग्रामीणों को समझाइश दी, लेकिन गांव के लोग नहीं माने। मामला बिगड़ता देख दोपहर करीब १२ बजे एसडीएम वीवी पांडये मौके पर पहुंचे। उन्होंने भी मृतक के परिजनो और गंाव के लोगों को समझाइश दी और सचिव को फटकार भी लगाई। एसडीएम की समझाइश के बाद ग्रामीण अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गए। इससे दोपहर करीब एक बजे के बाद मृतक झल्ला साहू (90) का अंतिम संस्कार हो सका। एसडीएम ने सचिव व पटवारी को गांव में मुक्तिधाम के लिए जगह चिन्हित करने और मुक्तिधाम बनवाने के निर्देश दिए। एसडीएम ने मामने में ग्रामीणों को चर्चा के लिए सोमवार को कलेक्ट्रेट में बुलाया है।

मामले में पुराने जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया है। पटवारी और सचिव को भी गांव के अंदर मुक्तिधाम के लिए जमीन चिन्हित करने के लिए भी कहा गया है। गांव में जल्द ही मुक्तिधाम की सुविधा मिलेगी।
वीवी पांडये, एसडीएम पन्ना
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