मांगों को लेकर जिले के युवा अब नए जोश के साथ संघर्ष को तैयार हो रहे हैं। इसी को लेकर गुरुवार को किसान क्रांति सेना के युवाओं ने मांग के समर्थन में कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया और स्वीकृत कॉलेजों को शीघ्र शुरू कराए जाने की मांग को लेकर सीएम को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा।
ज्ञापन में युवाओं द्वारा बताया गया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान पन्ना में इंजीनियरिंग और एग्रीकल्चर कॉलेज खोले जाने की घोषणा की थी। इसके बाद प्रदेश में सरकार बदल जाने के महीनों बाद भी दोनों कॉलेजों को शीघ्र शुरू किए जाने की दिशा में काम शुरू नहीं किया गया है। यह युवाओं के साथ छलावा है।
जिले में पूर्व से उच्च तकनीकी शिक्षण संस्थान नहीं होने के कारण युवाओं को १२वीं पास करने के बाद बाहर जाना पड़ता है। जिससे मध्यम वर्गीय परिवारों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। निम्न आय वर्गीय परिवारों के अधिकांश बच्चे तो इसी कारण से उच्च तकनीकी शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री की जनहित से जुड़ी घोषणाओं को पूरा करना नई सरकार का कर्तव्य है, इसलिए उक्त कॉलेजों को इसी सत्र से शुरू कराने की व्यवस्था की जाए। ज्ञापन सौंपने वालों में सुखदीप पटेल, राजकिशोर, रोशनलाल, ईश्वर पटेल, बालेश विश्वकर्मा, नरेंद्र विश्वकर्मा, प्रभूदयाल, राजाबाबू, धीरज समारी, अरविंद पटेल, नंदकिशोर, अजय कुमार, कमलेश पटेल, आनंद पटेल, हरपाल पटेल सहित बड़ी संख्या में युवा शामिल रहे।
विधायक ने विस में उठाया था मामला गौरतलब है कि पन्ना में पूर्व सीएम द्वारा घोषित तकनीकी कॉलजों को शीघ्र शुरू कराने को लेकर एक ओर जहां नगर के युवा प्रयास कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विधानसभा सत्र के दौरान पन्ना विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह ने प्रश्नकाल के दौरान मामले को विधानसभा के पटल पर रखा था। जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से पन्ना में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना संबंधी आदेश जारी किए जाने और सत्र शुरू करने को लेकर सवाल किया था।
इस पर मुख्यमंत्री ने सदन में दिए लिखित जवाब में पन्ना में इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जाने को लेकर सरकार द्वारा आदेश जारी किए जाने की बात स्वीकार की थी, जबकि उन्हीं की सरकार के शिक्षा मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. प्रभुराम चौबे ने उक्त कॉलेजों को महज चुनावी घोषणा बताया था।
आगामी दिनों तेज हो सकती है मांग जिले में महिला पॉलीटेक्निक कॉलेज का इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में उन्नयन और एग्रीकल्चर कॉलेज की स्थापना पूर्व सरकार की महज चुनावी घोषणा नहीं थी। मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा उक्त बात लिखित जवाब में मान लिए जाने के बाद अब स्थापना को लेकर नए सिरे से आंदोलन की रणनीति बनाई जाने लगी है।
इससे उम्मीद की जा रही है कि आगामी दिनों उक्त मांगों को लेकर जिले के युवा सड़कों पर उतर सकते हैं। जनहित से जुड़े मामले को कांग्रेस के नेताओं को भी गंभीरता के साथ लेना चाहिए। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने से कांग्रेस नेताओं की जवाबदारी भी अधिक बनती है कि वे जनहित से जुड़े मुद्दों को सरकार के समक्ष पूरी गंभीरता के साथ उठाएं।
एग्रीकल्चर कॉलेज के लिए आवंटित है जमीन मामले में प्रशासनिक स्तर पर मिली जानकारी के अनुसार एग्रीकल्चर और इंजीनियरिंग कॉलेज को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी थी। इंजीनियरिंग कॉलेज के नवीन भवन के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई थी। एग्रीकल्चर कॉलेज के लिए पुरुषोत्तमपुर के पास जमीन का भी आवंटन हो चुका है। इसके लिए पदों का सृजन किया जा चुका है और बजट भी निर्धारित कर दिया गया है। प्रक्रिया के आगे बढऩे के बाद चुनावी आदर्श संहिता लागू होने के कारण प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई। इससे अब उम्मीद की जा रही है कि वर्तमान सरकार व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए उक्त तकनीकी संस्थानों की स्थापना का काम शीघ्र पूरा कराएगी।