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कृषि व इंजीनियरिंग कॉलेज सत्र के लिए अभी रोड़ा, कब जागेंगे जिम्मेदार, जानिए ऐसे कैसे

locationपन्नाPublished: Feb 02, 2019 01:41:12 am

Submitted by:

Bajrangi rathore

कृषि व इंजीनियरिंग कॉलेज सत्र के लिए अभी रोड़ा, कब जागेंगे जिम्मेदार, जानिए ऐसे कैसे

Engineering Colleges In Panna

Engineering Colleges In Panna

पन्ना। नेताओं और प्रशासन में इच्छाशक्ति की कमी के कारण पन्ना जिले से प्रदेश सरकार में लंबे समय तक मंत्री रहने के बाद भी यहां कोई बड़ी उपलब्धि नहीं मिल सकी है। युवाओं को तकनीकी शिक्षा देने पूर्व सीएम ने महिला पॉलीटेक्निक कॉलेज का इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में उन्नयन और एग्रीकल्चर कॉलेज की स्थापना की घोषणा की थी। उक्त दोनों घोषणाओं को अमल में लाने आनन-फानन में काम भी शुरू कर दिया गया, लेकिन चुनाव आचार संहिता लगने के बाद इन दोनों शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना का काम रुक गया था।
नई सरकार के शपथ लेने के एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी है। पन्ना से भाजपा के विधायक हैं और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। इससे दोनों दलों के नेताओं की जिम्मेदारी बनती है कि आम जनता से जुड़े इन मुद्दो पर गंभीरता पूर्वक प्रयास करें।
इंजीनियरिंग कॉलेज भवन को सैद्धांतिक अनुमति

बताया जाता है कि सीएम की घोषणा के बाद आनन-फानन में पन्ना को पॉलीटेक्निक कॉलेज के उन्नयन के लिए इंजीनियंरिंग कॉलेज का प्रस्ताव भेजा गया था। जिसे शासन की ओर से सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई थी। इसके बाद इंजीनियंरिंग कॉलेज की स्थापना का काम आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण रुक गया था।
जिला प्रशासन ने रुके काम को आगे बढ़ाने नई सरकार को लिखने की हिम्मत नहीं दिखाई है। नेता कहीं खुशी कहीं गम के हालात में हैं। आगामी जून-जुलाई से नया शिक्षा सत्र शुरू हो जाएगा।
एग्रीकल्चर कॉलेज के लिए नहीं मिला बजट

सीएम की घोषणा के बाद तत्कालीन मंत्री कुसुम सिंह मेहदेले ने टिकट मिलने की उम्मीद के चलते इस दिशा में तेजी दिखाई थी। इसी कारण पन्ना में एग्रीकल्चर कॉलेज की स्थापना के लिए भूमि का आवंटन हो चुका है। जिला मुख्यालय से लगे पटवारी हल्का क्रमांक 13 में 30 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है।
नवीन कृषि महाविद्यालय को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। बजट भी स्वीकृत हो चुका है। सरकार द्वारा यहां तीन साल के लिए 14 696.67 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है। इनमें 3371.82 लाख रुपए आवर्ती व्यय के लिए और 11324.85 लाख रुपए अनावर्ती व्यय के लिए हैं।
उक्त कॉलेज के लिए पद स्वीकृत हो चुके हैं। बताया गया कि कॉलेज भवन के निर्माण सहित अन्य सुविधाओं के लिए अभी तक बजट यूनिवर्सिटी को नहीं मिला है। इससे कॉलेज का काम शुरू नहीं हो पाया है। यदि इस दिशा में जल्द सार्थक कदम नहीं उठाए गए तो इसी शिक्षा सत्र से कॉलेज की शुरुआत संभव नहीं हो पाएगी।
हालांकि विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि आगामी बजट में भी यदि प्रदेश सरकार द्वारा कॉलेज के लिए बजट आवंटित किया जाता है तो भी शिक्षा सत्र की शुरुआत इसी साल से की जा सकती है।प्रशासन की ओर पहल नहीं
जिले में प्रस्तावित दोनों कॉलेजों को जल्द से जल्द शुरू कराने नेता और अधिकारी गंभीर नहीं हैं।
अधिकारियों को इस बात का डर है कि कहीं पूर्व की सरकार की घोषणा के काम को आगे बढ़ाने के लिए लिखने पर नई सरकार के लोग विरोधी न हो जाएं। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों के नेताओं के चुनावी वादों में कालेजों के स्थापना की बात कही गई थी, इस दिशा में अभी तक किसी भी दल के नेता ने काम शुरू नहीं किया है।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिव्यारानी सिंह के अनुसार दोनों कॉलेजों को इसी सत्र से शुरू कराने के प्रयास किए जाएंगे। शीघ्र इस संबंध में मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखा जाएगा। इससे युवाओं को जिले में ही तकनीकी शिक्षा मिल सकेगी। भाजपा जिलाध्यक्ष सतानंद गौतम का कहना है किकांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही जिले के साथ भेदभाव शुरू हो गया है। सरकार ने जिस प्रकार किसानों से छल किया है उसी प्रकार युवाओं को भी धोखा दे रही है। मामले को लेकर आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही है। आगामी दिन में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

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