वह कब से शुरू होगा और कौन-कौन से संकायों की स्वीकृति दी गई है, इसकी जानकारी अभी नहीं दी जा सकती है। विधायक के प्रयास से पन्ना में इंजीनियरिंग और एग्रीकल्चर कॉलेज खुलने की उम्मीदें जग गई हैं। गौरतलब है कि विधानसभा सत्र शुरू होने के तीसरे दिन बुधवार को प्रदेश सरकार का अंतरिम बजट पेश होना था।
बजट पेश होने के पूर्व विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह ने प्रश्नकाल में पन्ना में इंजीनियरिंग कॉलेज को लेकर प्रश्न को सदन के पटल पर रखा। इसमें उन्होंने सीएम से पूछा ‘क्या मुख्यमंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि शासन द्वारा पन्ना और रायसेन में नवीन शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जाने के आदेश प्रसारित किए गए हैं।
यदि हां तो पन्ना में शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज कब से प्रारंभ होगा। शैक्षणिक कार्य किस सत्र से शुरू होगा और कौन-कौन से संकाय महाविद्यालय में स्वीकृत किए गए हैंÓ विधायक के इस सवाल के जवाब में सीएम ने कहा है कि पन्ना और रायसेन में नवीन शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज स्वीकृत हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इनके प्रारंभ होने को लेकर समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रभारी मंत्री ने बताई थी सिर्फ चुनावी घोषणा एक ओर जहां मुख्यमंत्री ने सदन को दिए लिखित जवाब में पन्ना में इंजीनियरिंग कॉलेज स्वीकृत होने की जानकारी दी है वहीं कुछ दिनों पूर्व पन्ना दौरे पर उन्हीं की सरकार के एक मंत्री ने इसे सिर्फ चुनावी घोषणा बताया था। पन्ना में पूर्व घोषित इंजीनियरिंग और एग्रीकल्चर कॉलेज का सत्र इसी साल से शुरू कराने को लेकर नगर के युवाओं ने चेंजमेकर रामबिहारी गोस्वामी के नेतृत्व में जिले के प्रभारी मंत्री व शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी को ज्ञापन सौंपा था। इसमें मंत्री ने युवाओं से चर्चा करते हुए कहा, यह सिर्फ चुनावी घोषणा थी।
कैबिनेट में कागज भी नहीं हैं। इसके बाद मामले को लेकर जिले की राजनीति गर्मा गई और भाजपा जिलाध्यक्ष सतानंद गौतम ने मामले में प्रभारी मंत्री पर झूठ बोलने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा था कि दोनों कॉलेज सिर्फ चुनावी घोषणा नहीं थे। दोनों को कैबिनेट में मंजूरी मिल गई थी और एग्रीकल्चर कॉलेज के लिए भूमि आवंटन, पद और बजट स्वीकृति की कार्रवाई पूर्व में ही हो चुकी है।