मध्य प्रदेश में भले ही सरकार बदल गई है…पर अस्पतालों की व्यवस्थाएं जस की तस बनी हुई हैं। जिला अस्पताल में भर्ती एक गंभीर बीमार बच्ची के पिता को इलाज के बदले ऑक्सीजन के सिलेंडर ढोने पड़े। बरसते पानी के बीच मजबूर लाचार पिता संतु आदिवासी अपनी बीमार बच्ची को छोड़कर सिलेंडर ढोने को मजबूर हो गया और प्रबंधन मूक दर्शक बनकर देखता रहा।
सरकारी अस्पताल में भर्ती बच्ची के पिता के साथ हुए दुर्व्यवहार की बात की जाए तो बारिश के दौरान आक्सीजन के सिलेंडर ढोता, ये कोई जिला चिकित्सालय का कर्मचारी नहीं है। बल्कि अपनी बच्ची का उपचार करवाने आया एक बेबस पिता संतु आदिवासी है। ये तस्वीरे बयां करती हैं कि जिला चिकित्सालय के कर्मचारी कितने संवेदनहीन हो चुके है, कि वार्ड में भर्ती बच्ची को बॉटल चढी रही थी और बच्ची का पिता प्रबंधन के कहने पर अपनी इलाजरत बच्ची को छोड़कर ऑक्सीजन के सिलेंडर ढो रही था।
इस मामले पर सिविल सर्जन आर.एस.त्रिपाठी से बात की तो वही रटा रटाया जबाब मिला कि दोषियों के खिलाफ कार्यावाही की जाएगी। लेकिन ये कार्रवाई होगी और होगी तो कब होगी ? अब तक कितनी कार्रवाई हुई इस सवाल का जबाब ना तो जिम्मेदारों के पास है और ना जनप्रतिनिधियों के पास। जिला अस्पताल पन्ना में प्रबंधन द्वारा लापरवाहियों का यह पहला मामला नहीं है । पन्ना जिला कलेक्टर के बार – बार अस्पताल दौरा के बावजूद भी प्रबंधन के द्वारा ग्रामीण क्षेत्र से आने वालों मरीज व उनके परिजनों के साथ दुर्व्यवहार के मामले सामने निकलकर आ रहे हैं