पन्ना बस स्टैंड से जिले के विभिन्न क्षेत्रों के लिए जाने वाली बसों में भीड़ देखने को मिल रही है। त्योहार के लिए आई अचानक भीड़ के कारण यातायात संबधी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बसों में यात्रियों को उक्त गंतव्य स्थान जाने के लिए कई घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है। भीड़ होने के कारण यात्री वाहनों में हालात गंभीर होते जा रहे है, जिसके चलते महिलाएं व बच्चों को भी खडे होकर यात्रा करनी पड़ रही है।
ओवर लोड़ सवारी लाद परिवहन कर रहे, इन यात्री बस संचालकों के द्वारा यातायात के नियमों को भी अनदेखा किया जा रहा है। जिले के कई ग्रामीण क्षेत्र ऐसे है जहां जाने के लिए दिन में केवल एक या दो बसे उपल्बध है। ऐसे जगहों पर जाने वाले यात्रियों को काफी लंबा इंतजार करना पड़ता है। वहीं इन इलकों के लिए जाने वाली बस छुट गई यात्रियों के किराये का वाहन तैयार कर ज्यादा रकम खर्च करनी पड़ती है।
गौरतलब है कि जिले में सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ दिन व दिन बडता जा रहा है। जिसे रोकने के लिए परिवहन व यातायात विभाग सख्ती नहीं दिखा रहा है। जिले के बृजपुर क्षेत्र के जनकपुर पुलिया के बीते दिन एक ओवर लोड़ बस पलटने से करीब दो दर्जन से अधिक यात्री घायल हो गए थे। जिनमे आधा दर्जन यात्रियों को गंभीर चोटें आई थी। दिन व दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए भी संबंधित विभाग के द्वारा लापरवाही बरती जा रही है।
ऐसे रहे हालात
शहर के इकलौत बस स्टैंड़ में सवारियों का मेला दिखा। बस स्टैंड के यात्री प्रतिक्षालय में गुरुवार दोपहर, जिनमें महिला, पुरुष बच्चे सैकड़ो की संख्या में असुविधाओं को सहन करते हुए, घंटों इंतजार करते रहे। वहीं विभिन्न इलकों के लिए जाने वाली बस महज देखते-देखते फुल हो जाती थी। सीट के लिए यात्रियों के द्वारा कंडक्टर को एक्सट्रा किराया तक देने के लिए याात्रियों को मजबूर होना पड़ा। वहीं बस स्टैंड़ के यात्री प्रतिक्षालय में गंदगी व परिसर के अंदर संचालित दुकानें परेशानी का कारण बनी। वहीं बस कंडक्टरों के द्वार सीमित परिसर के अंदर ही कुर्सी लगा कर बैठ जाते है।
साईड खिड़की, फॉस्टेड बाक्स व अन्य सुविधाओं की अनदेखी
वही यात्रियों का परिवहन करने वाले बस संचालकों के द्वार यात्री बसों में अपातकालीन खिडकी को भी बंद कर सवारी बैंठा रहे है। साथ ही शहर के जिले के विभिन्न ग्रामीणांचलो ंके सफर करने वाले इन वाहनों में फास्टेड़ बाक्स, अग्नीशामक यंत्र व अन्य सुरक्षा के उपकरणों को भी दरकिनार कर रहे है। वहीं इन बसों में दो सीट वाली जगह में कंडक्टर के द्वारा तीन या चार सवारियों बैठाया जा रहा है।
शहर के इकलौत बस स्टैंड़ में सवारियों का मेला दिखा। बस स्टैंड के यात्री प्रतिक्षालय में गुरुवार दोपहर, जिनमें महिला, पुरुष बच्चे सैकड़ो की संख्या में असुविधाओं को सहन करते हुए, घंटों इंतजार करते रहे। वहीं विभिन्न इलकों के लिए जाने वाली बस महज देखते-देखते फुल हो जाती थी। सीट के लिए यात्रियों के द्वारा कंडक्टर को एक्सट्रा किराया तक देने के लिए याात्रियों को मजबूर होना पड़ा। वहीं बस स्टैंड़ के यात्री प्रतिक्षालय में गंदगी व परिसर के अंदर संचालित दुकानें परेशानी का कारण बनी। वहीं बस कंडक्टरों के द्वार सीमित परिसर के अंदर ही कुर्सी लगा कर बैठ जाते है।
साईड खिड़की, फॉस्टेड बाक्स व अन्य सुविधाओं की अनदेखी
वही यात्रियों का परिवहन करने वाले बस संचालकों के द्वार यात्री बसों में अपातकालीन खिडकी को भी बंद कर सवारी बैंठा रहे है। साथ ही शहर के जिले के विभिन्न ग्रामीणांचलो ंके सफर करने वाले इन वाहनों में फास्टेड़ बाक्स, अग्नीशामक यंत्र व अन्य सुरक्षा के उपकरणों को भी दरकिनार कर रहे है। वहीं इन बसों में दो सीट वाली जगह में कंडक्टर के द्वारा तीन या चार सवारियों बैठाया जा रहा है।
ओवर लोड सवारी के साथ बस की छत पर लाद रहे लगेज
सीजन के चलते हो रही भीड़ के साथ, यात्री बसों की छत पर भी लगेज लाद रहे है। गौरतलब है कि खस्तहाल सड़कों के कारण ओवर लोड़ वाहनों के हादशों की घटनाएं होने के बाद भी परिवहन विभाग के द्वारा अनदेखी की जा रही है। परिवहन विभाग की इस अनदेखी के कारण किसी दिन बड़ी घटना होने की संभावना है।
सीजन के चलते हो रही भीड़ के साथ, यात्री बसों की छत पर भी लगेज लाद रहे है। गौरतलब है कि खस्तहाल सड़कों के कारण ओवर लोड़ वाहनों के हादशों की घटनाएं होने के बाद भी परिवहन विभाग के द्वारा अनदेखी की जा रही है। परिवहन विभाग की इस अनदेखी के कारण किसी दिन बड़ी घटना होने की संभावना है।