आगजनी की सूचना मिलने पर तीनों फायर ब्रिगेड ने राहत कार्य शुरू कर दिया। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। आगजनी में लाखों के नुकसान की आशंका जताई जा रही है। आगजनी की घटना के दौरान कलेक्टर मनोज खत्री ने भी राहत और बचाव कार्य का निरीक्षण किया। एसडीएम बीबी पांडेय और तहसीलदार दीपा चतुर्वेदी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
प्रशासन जुटा बचाव कार्य में जानकारी के अनुसार बीएसएनएल कार्यालय के पास ही स्टोर बना है। इसमें बड़ी मात्रा में वायर सहित अन्य प्लास्टिक की बनी ज्वलनशील सामग्री हमेशा रखी रहती है। दोपहर में करीब 12 बजे स्टोर में रखी प्लास्टिक की सामग्री से ही अचानक आग भड़क उठी और देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। आग भड़कने की जानकारी लगते ही फयर ब्रिगेड को सूचना देने के साथ ही पुलिस और जिला प्रशासन के आला अधिकारियों को सूचना दी गई। इससे कुछ ही देर बाद तीन फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंचीं।
आरआइ देविका सिंह बघेल के नेतृत्व में जहां पुलिसकर्मी राहत और बचाव कार्य में लगे हुए थे वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन के आला अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। आग को भड़कते हुए देख बार-बार फायर ब्रिगेड में पानी भरने के कारण आग रोकने में व्यवधान हो रहा था। इसे देखते हुए टैंकरों से भी पानी मंगाया गया था। टैंकरों के माध्यम से फायर ब्रिगेड के टैंक को भरा जा रहा था, जिससे आग बुझाने में काफी राहत मिली।
नहीं चला आग लगने के कारणों का पता बीएसएलएल अधिकारियों के अनुसार अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। आशंका जताई जा रही है कि स्टोर के आसपास आवासीय बस्ती में रहने वाले लोगों में से किसी ने सुलगती चीज फेकी होगी, जो सूखे पत्तों के संपर्क में आने के बाद आग के रूप में परिवर्तित हो गई।
आग के प्रचंड स्वरूप को देखते हुए कार्यालय के आसपास रहने वाले लोगों ने घरों को खाली कराया जाने लगा था। हरे पेड़ भी धू-धू कर सुलगने लगे थे। इससे आग लगने के बाद उनके भी गिरने की आशंका बनी थी।
लोगों की उमड़ी भीड़ शहर के अंदर इतनी बड़ी आग लगने की जानकारी लगते ही अजयगढ़ चौक के आसपास के लोग एकत्रित हो गए। इसके साथ ही राहगीर भी अपने-अपने वाहन खड़े कर आगजनी देख रहे थे। इससे अजयगढ़ चौक से बीएसएनएल ऑफिस के मुख्य मार्ग के आगे लोगों की भारी भीड़ लग गई।
राहत कार्य के दौरान यातायात कर्मियों ने मार्ग से आवागमन बहाल रखा इससे जाम तो नहीं लगने पाया, लेकिन आसपास बड़ी संख्या में लोगों के एकत्रित होने से परेशानी जरूर उठानी पड़ी। एक घंटे तक चले राहत कार्य के दौरान करीब एक बजे तक आग पर काबू पा लिया गया।, लेकिन तब तक कार्यालय में रखी लाखों की सामग्री जलकर नष्ट हो चुकी थी। शाम तक बीएसएनएल के अधिकारी आगजनी की घटना से हुए नुकसान का आंकलन कर रहे थे।
गर्मी के साथ बढऩे लगीं आगजनी की घटनाएं गर्मी का मौसम शुरू होने के साथ ही जिलेभर में आगजनी की घटनाएं बढऩे लगी हैं। थोड़ी सी लापरवाही भी बड़े अग्नि हादसे का रूप ले लेती है। इस सीजन में अभी तक आधा दर्जन से भी अधिक आगजनी के मामले सामने आए हैं। जिलेभर में फायर ब्रिगेड की कमी इस समस्या को और अधिक बढ़ा देती है। ग्रामीण इलाकों में तो हालात यह है कि अधिकांश मामलों में आग बुझने के बाद ही फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंच पाती है। इससे लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
जहां पर आग लगी है वहां बिजली का कनेक्शन नहीं है। इससे आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। आगजनी में करीब ९ लाख रुपए के पाइप जल गए हैं। शेष बचे पाइपों को इश्यू कर दिया जाएगा। जिससे वे यहां से चले जाएंगे। स्टोर को बदलने के लिए हमारे पास दूसरा स्थान नहीं है।
बीके त्रिपाठी, टीडीइ, बीएसएनएल
बीके त्रिपाठी, टीडीइ, बीएसएनएल