जिलेभर में गणेशोत्सव को लेकर बीते कई दिनों से तैयारियां चल रही थीं। कलाकार करीब एक पखवाड़े से प्रतिमाओं को सजाने और संवारने में लगे थे। बड़े गणेशजी मंदिर को आकर्षक तरीके से सजाया गया है। पर्व को लेकर बच्चों में सबसे अधिक उत्साह देखा जा रहा है।
गणेश मंदिर में मंत्रोच्चार के साथ पूजा
गणेशोत्सव शुरू होने के साथ ही बड़ा गणेशजी मंदिर लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। यहां महोत्सव शुरू होने के साथ ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमडऩे लगी है। संध्या आरती के समय मंदिर परिसर में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। आरती के बाद श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। भजन-कीर्तन भी हुए। भजन-कीर्तन का सिलसिला देर रात तक चलता रहा।
गणेशोत्सव शुरू होने के साथ ही बड़ा गणेशजी मंदिर लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। यहां महोत्सव शुरू होने के साथ ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमडऩे लगी है। संध्या आरती के समय मंदिर परिसर में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। आरती के बाद श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। भजन-कीर्तन भी हुए। भजन-कीर्तन का सिलसिला देर रात तक चलता रहा।
दिनभर नाचते-गाते ले जाई गईं प्रतिमाएं
जिला मुख्यालय सहित जिलेभर के कस्बाई और ग्रामीण इलाकों की गणेश उत्सव की धूम रही। बच्चों और युवाओं की टोली दिनभर प्रतिमाओं को पंडालों तक ले जाते हुए दिखाई दी। शाम को पंडालों में प्रतिमाओं को स्थापित कर मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना की गई। अजयगढ़, देवेंद्रनगर, ककरहटी, गुनौर, सलेहा, पवई, शाहनगर सहित विविध स्थानों पर गणेशोत्सव को लेकर खुशी का माहौल देखा गया।
जिला मुख्यालय सहित जिलेभर के कस्बाई और ग्रामीण इलाकों की गणेश उत्सव की धूम रही। बच्चों और युवाओं की टोली दिनभर प्रतिमाओं को पंडालों तक ले जाते हुए दिखाई दी। शाम को पंडालों में प्रतिमाओं को स्थापित कर मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना की गई। अजयगढ़, देवेंद्रनगर, ककरहटी, गुनौर, सलेहा, पवई, शाहनगर सहित विविध स्थानों पर गणेशोत्सव को लेकर खुशी का माहौल देखा गया।
प्रतिबंध के बाद भी बिकीं पीओपी की प्रतिमाएं
शासन की ओर से मूर्ति निर्माण के लिए प्लास्टर ऑफ पेरिस के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। एक दिन पूर्व कलेक्ट्रेट में हुई शांति समिति की बैठक में कलेक्टर ने भी इस संबंध में जानकारी दी थी। इसके बाद भी मार्केट में कई जगह पीओपी के श्रीगणेश की प्रतिमाएं बेची जा रही हैं। जिन पर जिम्मेदारों द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है। पीओपी से बनी प्रतिमाएं पर्यावरण के लिए घातक हैं। इन्हें विसर्जित करने से गंभीर जल प्रदूषण के हालात बनते हैं।
शासन की ओर से मूर्ति निर्माण के लिए प्लास्टर ऑफ पेरिस के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। एक दिन पूर्व कलेक्ट्रेट में हुई शांति समिति की बैठक में कलेक्टर ने भी इस संबंध में जानकारी दी थी। इसके बाद भी मार्केट में कई जगह पीओपी के श्रीगणेश की प्रतिमाएं बेची जा रही हैं। जिन पर जिम्मेदारों द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है। पीओपी से बनी प्रतिमाएं पर्यावरण के लिए घातक हैं। इन्हें विसर्जित करने से गंभीर जल प्रदूषण के हालात बनते हैं।
गुनौर में आधा दर्जन स्थानों पर स्थापना
महोत्सव शुरू होने के साथ ही गुनौर में करीब आधा दर्जन स्थानों पर भगवान श्रीगणेश की प्रतिमाओं को स्थापित किया गया है। पहले दिन जहां प्रतिमाओं को स्थापित किया गया उनमें सिली तिराहा, बड़े शंकरजी मंदिर और हरदवाही तिराहा सहित आधा दर्जन स्थान शामिल हैं। यहां पर्व को लेकर कस्बा सहित ग्रामीण इलाकों में भी खासा उत्साह देखा गया है।
महोत्सव शुरू होने के साथ ही गुनौर में करीब आधा दर्जन स्थानों पर भगवान श्रीगणेश की प्रतिमाओं को स्थापित किया गया है। पहले दिन जहां प्रतिमाओं को स्थापित किया गया उनमें सिली तिराहा, बड़े शंकरजी मंदिर और हरदवाही तिराहा सहित आधा दर्जन स्थान शामिल हैं। यहां पर्व को लेकर कस्बा सहित ग्रामीण इलाकों में भी खासा उत्साह देखा गया है।