सुनहरा में मिली थी चार हेक्टेयर जमीन
जानकारी के अनुसार कॉलेज भवन के निर्माण के लिए तत्कालीन कलेक्टर द्वारा वर्ष २००८ में ग्राम जनकपुर पटवारी हलका सुनहरा में ४ हेक्टेयर जमीन आवंटित की गई थी। उक्त जमीन जिला मुख्यालय से काफी दूर है। इससे यहां लड़कियों के लिए समुचित सुरक्षा उपलब्ध कराना काफी चुनौतीभरा काम होता। यही कारण है कि यहां अभी तक भवन का निर्माण कार्य स्वीकृत नहीं हो पाया था। इसी को लेकर बीते माह उच्च शिक्षा विभाग के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी डॉ. राकेश श्रीवास्तव और संस्था प्राचार्य डॉ. गिरिजेश शाक्य द्वारा संबंधित जमीन का अवलोकन किया गया था। इन दौरान आवंटित जमीन को नवीन कन्या महाविद्यालय भवन निर्माण के लिए उपयुक्त नहीं पाया गया।
उक्त जमीन का निरीक्षण करने के बाद अपर आयुक्त उच्च शिक्षा विभाग वेद प्रकाश की ओर से कलेक्टर पन्ना को पत्र लिखकर पूर्व से आवंटित जमीन के भवन निर्माण के लिए अनुपयुक्त होने की जानकारी दी गई है। इसके साथ ही छात्राओं के हित को ध्यान में रखते हुए कन्या महाविद्यालय भवन के लिए उपयुक्त भूमि आवंटित करने की मांग की है, ताकि अग्रिम कार्रवाई की जा सके। वहीं मामले में संस्था प्राचार्य डॉ. गिरिजेश शाक्य की ओर से भी जिला प्रशासन को पत्र लिखकर छात्राओं के हित को देखते हुए शहर से लगी हुई जमीन आवंटित कराने की मांग की गई है।
जनप्रतिनिधियों ने कभी नहीं ली रुचि
बेटी बचाओ और बेटी पढाओ जैसे नारों के बल पर राजनीति करने वाली पार्टियों के जिले के नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने भी इस ओर कभी गंभीरता पूर्वक प्रयास नहीं किए हैं कि बेटियों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त उनका कॉलेज भवन मिल सके। इसी कारण से आज भी कन्या महाविद्यालय छोटे से परिसर में संचालित है। यहां की कुसुम सिंह महदेले कई सालों तक प्रदेश सरकार में मंत्री के पद पर रही हैं। उन्होंने भी यदि रुचि दिखाई होती तो सालों पूर्व ही जिले के इस इकलौत कन्या महाविद्यालय को अपना भवन मिल चुका होता।
सुरक्षा है बड़ी चुनौती
कॉलेज मेें पढऩे वाली छात्राओं को समुचित सुरक्षा दिलाना सभी के लिए बड़ी चुनौती है। संभवतया इसी कारण से जमीन आवंटन के एक दशक के बाद भी सुनहरा में भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी है। वर्तमान में जहां कॉलेज संचालित है वह परिसर छोटा तो है पर छात्राओं के हिसाब से पूरी तरह से सुरक्षित है। शहर के बीच में है और परिसर के चारों ओर बड़ी बड़ी दीवारें हैं। पूरे कॉलेज में मुख्य प्रवेश द्वार से अलावा और कहीं से प्रवेश नहीं किया जा सकता है। संभवतया यह भी बड़ा कारण हो सकता है कि प्रबंधन किसी तरह का रिस्क लेने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है।
कलेक्टर को कन्या महाविद्यालय के लिए शहर से लगी हुई सुरक्षित जमीन मुहैया कराने के लिए लिखा गया है। उम्मीद है कि कॉलेज के लिए जल्द ही नवीन जमीन आवंटित कर दी जाएगी।
आस्था तिवारी, अध्यक्ष जनभागीदारी समिति कन्या महाविद्यालय पन्ना