मामले की जानकारी एसडीएम और तहसीलदार को भी है। इसके बाद भी स्थानीय प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है। सार्वजनिक महत्व के जल स्रोतों में अवैध अतिक्रमण और भवन निर्माण होने के कारण जल संकट की स्थिति से निपटना मुश्किल हो जाएगा।
किया गया था गहरीकरण गौरतलब है कि जन सहयोग से बीते साल में गुनू सागर तालाब और चैन तलैया का गहरीकरण किया गया था। चैन तलैया के बड़े हिस्से का गहरीकरण होने से बीते साल हुई बारिश का पानी इसमें अभी तक भरा हुआ है। तलैया के कैचमेंट एरिया में जमीन पर कब्जा होने के कारण बारिश का पानी तलैया तक पहुंचने में काफी परेशानियां होती हैं।
इस संबंध में पूर्व में भी स्थानीय प्रशासन को अवगत कराया गया है, लेकिन जिम्मेदार लोगों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हल्का पटवारी और एसडीओपी का आवास भी यही हैं। बीएसएनएल का टॉवर भी यही लगा है। लोगों ने बताया कि तलैया और गुनू सागर में हुए बेजा अतिक्रमण के कारण ही समस्या बनी है। बारिश का पानी इस ओर नहीं आ पाता है। लोगों ने मामले में कार्रवाई की मांग की है।
तलैया सहित अन्य स्थानों पर हुए अतिक्रमण को चिह्नित कर नोटिस बांटे जा रहे हैं। मामले में अतिक्रमणकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राजेंद्र कुमार मिश्रा, तहसीलदार, गुनौर
राजेंद्र कुमार मिश्रा, तहसीलदार, गुनौर