पेयजल और शौचालय की सुविधा नहीं
वर्तमान में जहां नवीन प्राइमरी स्कूल लग रहा है वहां पर पेयजल की सुविधा नहीं है। स्कूल के बच्चों को पीने के लिए पानी घर से लाना पड़ता है य फिर उन्हें पास से नहर से पानी पीना पड़ता है। बारिश के कारण नहर का पानी दूषित हो चुका है। दूषित पानी पीने से बच्चों में बीमारी की आशंका भी बनी रहती है। स्कूल परिसर में शौचायल की सुविधा नहीं है। इससे छोटे-बच्चों को प्रसाधन के लिए घर जाना पड़ता है। शौचालय नहीं होने से स्कूल स्टॉप को भी काफी परेशानी होती है।
स्कूल तक पहुंच मार्ग नहीं
वर्तमान में जिस पीएम आवास में स्कूल संचालित हो रहा है। वहां तक पहुंच मार्ग तक नहीं बना है। आदिवासी बस्ती के बच्चों को कीचड़ से होकर स्कूल तक जाना पड़ता है। पानी गिरने पर स्कूल पहुंच मार्ग की हालत और भी अधिक खराब हो जाती है। स्कूल जाते समय कई बार छोटे बच्चे फिसलकर गिर भी रहे हैं। फिर भी इसको लेकर जिम्मेदार गंभीर नहीं हैं।
भुगतान नहीं होने से अटका निर्माण
स्कूल भवन का निर्माण तीन साल से अटका हुआ है। सीएमओ विजय कुमार रैकवार ने बताया, ठेकेदार का भुगातान नहीं होने से उसने काम रोक दिया था। सरकार से रुपए नहीं आए थे। करीब एक सप्ताह पूर्व भवन निर्माण की राशि नगर परिषद के पास आ गई है। ठेकेदार का भुगतान कराकर स्कूल भवन के अधूरे काम को शीघ्र पूरा कराने के लिए कहा जाएगा। उम्मीद है कि एक माह में भवन बनकर तैयार हो जाएगा।
रामभुवन बागरी, बीआरसी पवई