रीवा में जिला सहकारी बैंक की 15 शाखाएं हैं। जिसके अंतर्गत 148 सहकारी समितियां काम कर रहीं हैं। जिले की समितियों में करीब 60 हजार किसानों का पंजीयन है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में किसानों को खाद-बीज कर्ज के लिए लक्ष्य निर्धारित कर दिया है। अक्टूबर से लेकर ३१ मार्च तक किसानों को ऋण वितरण का टारगेट दे दिया गया है। जिले में सहकारी समिति में पंजीकृत किसानों को अधिकतम तीन लाख रुपए की लिमिट निर्धारित है। जिला सहकारी बैंक ने खाद-बीज के अलावा किसानों को उपकरण आदि खरीदी व अन्य कार्य के लिए कुल पांच करोड़ रुपए नकद ऋण बांटने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
जिले में सहकारी बैंक और उससे जुड़ीं समितियों को ऋण बांटने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके बावजूद ज्यादातर समिति प्रबंधक किसानों को ऋण देने में आनाकानी कर रहे हैं। कई समिति प्रबंधकों ने किसानों को ऋण बांटने पर प्रतिबंध लगने की जानकारी देकर कर्ज नहीं दे रहे हैं। सैकड़ों किसानों ने सीएम हेल्पलाइन से लेकर विभागीय अधिकारियों व कलेक्टर से शिकायत की है। इसके बावजूद समिति प्रबंधक किसानों को नकद ऋण स्वीकृत नहीं कर रहे हैं। त्योंथर के बरीकला गांव निवासी मणिप्रसाद चतुर्वेदी ने सीएम हेल्पलाइन और कलेक्टर को आवेदन देकर कहा है कि ढखरा समिति प्रबंधक और चाकघाट सहकारी बैंक कर्मचारियों के द्वारा बताया जा रहा है कि रबी सीजन में ऋण वितरण पर हेड आफिस से रोक लगी है। इसी तरह सैकड़ों किसान सहकारी समितियों पर खाद-बीज और नकद ऋण को लेकर चक्कर लगा रहे हैं।
जिला सहकारी बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरएस भदौरिया ने बताया कि रबी सीजन में किसानों को ऋण देने के लिए ४९ करोड़ का लक्ष्य रखा गया है। किसानों के ऋण पर रोक नहीं लगी है। अगर ऐसा है तो जांच कराएंगे। समितियों पर किसानों के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है। अक्टूबर से लेकर अब तक तीन करोड़ रुपए कर्ज बांटा जा चुका है।