गौरतलब है कि, गंज की नल जल योजना का काम 15 साल पूर्व शुरू किया गया था। योजना के शुरू से ही पंचायत के ऊंचाई वाले हिस्से में पानी नहीं पहुंच रहा है। आधा गांव पानी के लिए परेशान रहता है। मामले की जानकारी प्रदेश शासन की पीएचई मंत्री कुसुम सिंह महदेले, विधायक महेंद्र बागरी सहित जनपद सीईओ और अध्यक्ष को भी दी गई है। बावजूद स्थिति नहीं बदली।
गंज निवासी शंकर प्रसाद शर्मा ने 15 अप्रैल को शिकायत की थी। जिसमें आधे गांव में पानी नहीं आने की जानकारी दी गई थी। इस पर सीइओ ने सीएम हेल्पलाइन में जवाब दिया गया कि, पीएचई के ठेकेदार द्वारा पाइप लाइन डाली जा रही है। कार्य प्रगति पर है और पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा होते ही गांव के लोगों को पानी मिलने लगेगा। इधर, सीइओ द्वारा दर्ज कराए गए जवाब को सरपंच अजय कुमार सोनकर ने गलत बताया। कहा, पंचायत में नई पाइप लाइन नहीं बिछाई जा रही है। पानी की समस्या का हल भी नहीं दिख रहा है। शिकायत को लेवल-3 में भेज दिया गया है।
सूरजपुरा में बंद पड़े हैंडपंपों के चालू होने की जानकारी उपयंत्री पीएचई योगेश खरे द्वारा दर्ज कराई गई थी। जो सही नहीं थी। जांच में पाया गया था कि हैंडपंपों में बगैर सुधार के ही गलत प्रतिवेदन फीड कराया गया था। कलेक्टर ने मामले की जानकारी कमिश्नर मनोहर दुबे को दी गई थी। कमिश्नर ने उपयंत्री को नोटिस जारी कर 15 दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है। पूछा गया है कि, क्यों न आपकी आगामी एक वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी जाए। नोटिस से अधिकारियों के बीच हड़कंप है।
गंज की दो हजार की आबादी पानी के लिये रतजगा करती है। सरपंच अजय कुमार सोनकर कई बार शिकायत कर चुके हैं। पर, सुनवाई नहीं हुई। गांव के 10 हैंडंपंपों में में से एक से भी पानी नहीं निकल रहा है। लोग साइकिल और बाइक से दिन और देर रात तक पानी ढोते हैं।
इससे पहले ग्राम पंचायत गढ़ीपड़रिया के ग्राम सूरजपुरा में भी सीएम हेल्पलाइन में पीएचई के अधिकारियों द्वारा जानकारी दर्ज कराई गई थी कि आदिवासी मोहल्ला सूरजपुरा के हैंडंपप रिपेयर कर दिए गए हैं और वे चल रहे हैं। जबकि गांव में एक भी हैंडंपप नहीं चल रहे थे। मामला खबरों में आने के बाद दूसरे दिन सुबह से ही अधिकारी हैंडपंप मकैनिकों को लेकर सूरजपुरा पहुंच गए और सुधरवाया गया था।
मनोज खत्री, कलेक्टर पन्ना
शिखा भलावी, सीईओ गुनौर
अजय कुमार सोनकर, सरपंच ग्राम पंचायत गंज