अनंत चतुर्दशी पर भगवान श्रीगणेश की प्रतिमाओं के विसर्जन की तैयारियां सुबह से ही शुरू हो गई थीं। सुबह से दोपहर तक हवन, कन्याभोज और भंडारे के कार्यक्रम शुरू हुए। यह शाम तक चलते रहे। इसके बाद प्रतिमाओं के चल समारोह और विसर्जन का सिलसिला शुरू हुआ। यह देर शाम तक चलता रहा। नगर के विभिन्न गलियों से डीजे की धुन में थिरकते युवाओं द्वारा प्रतिमाओं को विसर्जन स्थल तक लाया गया। चल समारोह में थिरकते युवा गुलाल उड़ाते चल रहे थे। एनएमडीसी मझगवां में भी विसर्जन के पूर्व गाजे-बाजे के साथ शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा के दौरान जगह-जगह लोगों ने भगवान की आरती उतारी।