मानव तक मानव शृंंखला के बाद सभा का आयोजन किया गया। जिसमें डॉ डीके गुप्ता ने क्षय रोग के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया, क्षय रोग की दवा प्रत्येक मरीज की पृथक से उपलब्ध होती है। रोगी का उपचार 6 माह तक किया जाता है। यदि रोगी एमडीआर मरीज घोषित होता है तो उसका उपचार 24 से 27 माह तक चलंता है।
क्षय रोगी के लिए जिले में विशेष जांच के लिए सीधी नोट की मशीन उपलब्ध है। जिससे क्षय रोगी की पहचान आसानी से की जा सकती है। सभा में उपस्थित डॉक्टर भारत यादव ने क्षयरोग के बारे में बताया। दिनेश सिंहने क्षय रोग के संक्रमण से बचाव, उपचार व रोगमुक्त के बारे में बताया। उन्होंने बताया, एक 6 रोगी 1 वर्ष में 10 से 15 स्वस्थ लोगों को क्षय रोग से पीडि़त कर सकता है।
जिले में प्रतिवर्ष लगभग 1600 क्षय रोगी खोजे जाते हैं। उनका उपचार कर उन्हें रोग मुक्त किया जाता है तथा रोगियों को प्रत्येक माह 500 पोषण के लिए दिया जाता है। कार्यक्रम में उपस्थित विकास श्रीवास्तव ने क्षह रोग के बारे में तथा जिले में चिह्नित जांच केंद्रों के बारे में जानकारी दी। अमरेश शर्मा ने रोगियों का जांच परीक्षण एवं निदान के बारे में बताया। जागृति असाटी द्वारा क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के प्रारंभ से वर्तमान तक की रूपरेखा रखी गई।