scriptसुरक्षा के खोखले दावे, 18 नावों में से 9 कबाड़ में तब्दील | Hollow claims of security, 9 out of 18 boats turned | Patrika News

सुरक्षा के खोखले दावे, 18 नावों में से 9 कबाड़ में तब्दील

locationपन्नाPublished: Jun 22, 2019 09:59:30 pm

Submitted by:

Bajrangi rathore

सुरक्षा के खोखले दावे, 18 नावों में से 9 कबाड़ में तब्दील

Hollow claims of security, 9 out of 18 boats turned

Hollow claims of security, 9 out of 18 boats turned

पन्ना। मप्र के पन्ना जिले में अभी पूर्णरूप से मानसून नहीं आया है, लेकिन आपदा प्रबंधन की तैयारियां भी बेहतर नहीं हैं। आग लगने पर कुआं खोद लेंगे की तर्ज पर तैयारियों को अंजाम दिया जा रहा है। संसाधनों के नाम पर होमगार्ड के पास कहने को तो 18 नाव हैं, लेकिन उनमें से 9 उपयोग लायक ही नहीं हैं। वे कबाड़ में तब्दी हो गई हैं।
जिन नावों को बेहतर बताया जा रहा है उनका रख-रखाव भी समुचित नहीं हो पा रहा है। ये होमगार्ड ऑफिस में यूं खुले आसमान तले पड़ी रहती हैं। नाव में लगने वाली मोटरों का भी समुचित रखरखाव नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा प्रशिक्षण के नाम पर सिर्फ एक कार्यशाल आयोजित कर औपचाकिरता पूरी कर ली गई है।
कागजी तैयारियां

गौरतलब है कि बीते दिनों कलेक्टर ने आपदा प्रबंधन को लेकर बैठक की थी। कलेक्टर के निर्देश के बाद तैयारियां तो की जा रही हैं, लेकिन अधिकांश कागजी हैं। आपदा प्रबंधन से जुड़े होमगार्ड के पास संसाधनों की भारी कमी है। इसके लिए तीन टीमें जिला स्तर पर तैयार की गई हैं। इनमें इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर(इओसी) और क्यूक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) टीमें बनाई गई हैं।
इनके अलावा जिले में तीन टीमें बनाई गई हैं और हर टीम के पास एक प्रभारी सहित तीन से चार सैनिक रहेंगे। साथ ही 8 जगहों पर डीआरसी टीमें बनाई गई हैं। जिनमें सुनवानी, अमानगंज, मड़ला, सिमरिया, पवई, हरदुआ, रैपुरा और शाहनगर शामिल हैं। सभी टीमों के पास लाइफ जैकेट लाइफ ब्वॉय, रस्सा एवं टॉर्च उपलब्ध है।
आधा दर्जन से अधिक गांव पहुंच विहीन

जिले में करीब आधा दर्जन गांव हैं जो बारिश के दिनों में पहुंच विहीन हो जाते हैं। इसमें से पन्ना जनपद का ललार गांव तो साल के आठ माह पहुंच विहीन रहता है। गांव तक पहुंचने के लिए वन विभाग ने रपटा बनवाया था जो साल के आठ माह पानी में ही डूबा रहता है। भीषण गर्मी में ही आवागमन हो पाता है। जब रपटा से आवागमन बंद होता है तब लोगों को नाव के सहारे नदी पार कर जाना होता है।
इस गांव के लोग दशकों से केन नदी में पुल बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन गांव पन्ना टाइगर रिजर्व और पहाड़ से सटा होने के कारण केन नदी में पुल नहीं बन पा रहा है। गांव के पास नदी की चौड़ाई भी अधिक होने से समस्या है। ग्रामीणों ने पुल बनाने की मांग को लेकर बीते वर्षों में आंदोलन भी किया था, जिसपर प्रशासन की ओर से गांव में बिजली बहाल करने और नाव रखे जाने की बात कही गई थी, लेकिन पुल नहीं बन पाया।
जिले के लिए बनाई गई टीमों को सामग्री अभी तक उनके क्षेत्र में नहीं पहुंचाई गई, जिससे बारिश बाढ़ और हादसों के समय सामग्री पहुंचाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। वर्तमान में लाइफ ब्वाय एवं सैनिकों को प्रशिक्षण के नाम पर भी एक कार्यशाला ही आयोजित की गई है।
कलेक्टर के निर्देशन में आपदा प्रबंधन से संबंधित सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। हमारे पास जितने संसाधन उपलब्ध हैं उनका अधिकतम उपयोग किए जाने का प्रशिक्षण दिया गया है। टीमें तैयार कर ली गई हैं। जहां से भी सूचना मिलेगी तत्काल टीमों को भेजा जाएगा। जनता से भी आपदा संबंधी जानकारी तुरंत टोल फ्री नंबर 1079 या 07732-252119 पर देने की अपील की गई है।
सत्यपाल जैन, डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट होमगार्ड, पन्ना
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो