पत्थर खदान मजदूर श्रमिक सहकारी समिति के अध्यक्ष यूसुफ बेग ने बताया, कोरोना कोविड 19 के कारण लाक डाउन के समय हजारों की संख्या में लोग पैदल ही अपने घरों को निकल पड़े थे। बगैर किसी सुविधा और संसाधन के हजारों किमी. के सफर के कारण रस्ते में ही कई भूखे ,प्यासे, महिला बच्चों और पुरुष मजदूरों की मौत हो गई । इसके साथ ही वापस लौटने के दौरान कई लोगों की जान सड़क हादसों में चली गई। इसको लेकर जिले के मजदूरों ने जहां जो मजदूर काम कर रहे थे वहीं से विरोध स्वरुप काली पट्टी बाध कर 2 मिनिट का मौन धारण का उन सभी मजदूरों को श्रृद्धांजलि अर्पित की गयी ।
बीमारी नहीं अव्यवस्था की मौत की वजह
उन्होंने बताया, 22 मई तक देश में लाक डाउन के कारण पैदल चलते भूखे प्यासे परेशान हाल में 667 लोगों की मौत हुई है। जिनका कारन कोविड संक्रमण नहीं है बल्कि सड़क दुर्घटनाएं, भूख और लाक डाउन कारण था। लाक डाउन के कारण लोगों की मौतें ही नहीं बल्कि उनकी आजीविका और आकाक्षाओं का भी दमन किया गया है। जिसकी हम सभी मजदूर निंदा करते हैं ।