यहां फैली गंदगी को देखकर भी कुछ ऐसा ही लग रहा था। गौरतलब है कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये तालाब के दोरों ओर सौंदर्यीकरण कराया गया था। जिसके तहत पहाड़ी की ओर ग्रेनाइट के पत्थर लगवाए गए थे। जिनमें से झुग्गी बस्ती में रहने वाले कुछ लोगों ने ग्रेनाइट पत्थर को निकालकर अपने बर्तन मांजने वाले स्थान पर लगा लिया है। वहीं दूसरी ओर इन दिनों हो रही बारिश में भींगने से बचाने के लिये दूसरे साइड बने इन स्थानों पर लोग घोड़े और मवेशी बांधने लगे हैं। जबकि इनका निर्माण नगारिकों और पर्यटकों को लुभाने के उद्देश्य से किया गया था। लेकिन इनके रखरखाव के लिये जि मेदार एजेंसी द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पूर्व में इसी तरह से महेंद्र क्लब भवन के रखरखव की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा था। जिससे यहां रखी राजशाही जमाने की बेशकीमजी चीजें चोरी हो गई थी। मामले में पत्रिका द्वारा ही प्रशासन का ध्यान दिलाया गया था। इसके बाद नगर पलिका ने इसके रखरखाव के लिये अपने जि मे ले लिया था। जिससे इसकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सकी थी।
नपा ने रेत के व्यापार के लिए चौपाटी दिया था किराए से
धार्मिक व पर्यटन नगरी पन्ना को जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों व अधिकारी कर्मचारियों के मनमाने रवैये का सामना करना पड़ रहा है। नगर के बेनीसागर तालब के पास बनी चौपाटी में नगर पालिक परिषद के द्वारा रेत के व्यापार के लिए किराए पर दे दिए थे। गौरतलब है कि शहर की सुंदरता के लिए चार-चांद लगाने वाली चौपट करने के लिए नगर परिषद के कुछ अधिकारी व कर्मचारियों का मिला षडयंत्र था। जब इस बात की शिकायत शहरवासियों ने जिला प्रशासन से किए तो, जिला प्रशासन के फटकार के बाद कार्रवाई की गई।