मामले में परिवार परामर्श केंद्र द्वारा दोनों पक्षों को समझाइश देने के बाद महिला ससुराल में रहने को तैयार हो गई है।
ग्राम अटरहाई निवासी सुनील चौधरी ने बताया कि पत्नी घर में काम नहीं करती थी। माता-पिता या परिवार के लोगों कुछ कहने पर श्ीाघ्र अपने माता-पिता को फोन कर बताने लगती थी। इससे दोनों में आए दिन विवाद होने लगा।
ग्राम अटरहाई निवासी सुनील चौधरी ने बताया कि पत्नी घर में काम नहीं करती थी। माता-पिता या परिवार के लोगों कुछ कहने पर श्ीाघ्र अपने माता-पिता को फोन कर बताने लगती थी। इससे दोनों में आए दिन विवाद होने लगा।
अंतत: नव विवाहिता ससुराल छोड़ मायके चली गई। उसके आठ माह का गर्भ भी था। महिला ने मामले में सुलह कराने परिवार परामर्श केंद्र में आवेदन दिया। जिस पर ससुराल पक्ष को बुलाया गया। परामर्श केंद्र प्रभारी उप निपरीक्षक नजमुज निशा तथा काउंसलर लक्ष्मी गुप्ता, उमा यादव ने बताया, दोनों पक्ष इस बात पर राजी हुए कि महिला अब मोबाइल नहीं रखेगी और डिलीवरी होने तक ससुराल में ही रहेगी। इसके बाद पति अपने साथ काम करने वाले स्थान पर ले जाएगा।
संभलकर मोबाइल का करें प्रयोग काउंसलर लक्ष्मी गुप्ता ने बताया, मोबाइल लोगों को कम्युनिकेट करने का अच्छा काम करता है, लेकिन समाज में इसके दुष्परिणाम भी बहुत देखने को मिलने लगे हैं। मोबाइल के अधिक उपयोग के कारण इस प्रकार से कई परिवार टूटने की कगार पर पहुंच रहे हैं।
कई हादसे भी वाहन चलाने के दौरान मोबाइल पर बात करने के कारण होना पाया गया है। उन्होंने लोगों को मोबाइल और सोशल मीडिया के जरूरत के अनुसार ही उपयोग करने की सलाह दी है। उनका कहना है कि मोबाइल और सोशल मीडिया का अधिक उपयोग समाज और परिवार में कई तरह की बुराइयां ला रहा है। इनको लेकर सभी को सावधान रहना चाहिए।