दोपहर बाद घंटों हैंग होते रहे मोबाइल
36 घंटे के डिजिटल ब्लैक आउट के बाद सोमवार दोपहर करीब डेढ़ बजे जिलेभर में एकसाथ इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गईं। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली। वे चिंतित थे कि रविवार की तरह सोमवार को भी नेटसेवा ठप रही तो समस्या बिकराल हो जाएगी। कुछ लोगों को सोशल मीडिया एकाउंट १०-१५ मिनट तक अपडेट होते रहे। नेट सेवा कहीं दोबारा बंद नहीं हो, इसे ध्यान में रखते हुए लोगों ने जरूरी चीजें तुरंत डाउनलोड करना शुरू कर दिया था, इससे सेवा बाहाल होने के बाद करीब आधे घंटे तक नेट की डाउनलोड स्पीड काफी धीमी रही है।
36 घंटे के डिजिटल ब्लैक आउट के बाद सोमवार दोपहर करीब डेढ़ बजे जिलेभर में एकसाथ इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गईं। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली। वे चिंतित थे कि रविवार की तरह सोमवार को भी नेटसेवा ठप रही तो समस्या बिकराल हो जाएगी। कुछ लोगों को सोशल मीडिया एकाउंट १०-१५ मिनट तक अपडेट होते रहे। नेट सेवा कहीं दोबारा बंद नहीं हो, इसे ध्यान में रखते हुए लोगों ने जरूरी चीजें तुरंत डाउनलोड करना शुरू कर दिया था, इससे सेवा बाहाल होने के बाद करीब आधे घंटे तक नेट की डाउनलोड स्पीड काफी धीमी रही है।
सोशल मीडिया वाले रहे परेशान
इंटरनेट सेवाओं के बंद होने का असर सोशल मीडिया में घंटों बिताने वाले युवाओं को भी परेशान कर रहा था। जिले में हजारों की संख्या में ऐसे युवा हैं, जिनके प्रतिदिन कई-कईघंटे सोशल मीडिया में ही बीतते हैं। इंटरनेट सेवा ३६ घंटे तक ठप रहने से उनका समय ही पास नहीं हो रहा था। बेचारे बार -बार मोबाइल देखते और यहां से वहां भटकते रहते थे। नेट सेवा ठप्प होने से इन बेचैन युवाओं की हालत और लाचारी देखते ही बन रही थी।
इंटरनेट सेवाओं के बंद होने का असर सोशल मीडिया में घंटों बिताने वाले युवाओं को भी परेशान कर रहा था। जिले में हजारों की संख्या में ऐसे युवा हैं, जिनके प्रतिदिन कई-कईघंटे सोशल मीडिया में ही बीतते हैं। इंटरनेट सेवा ३६ घंटे तक ठप रहने से उनका समय ही पास नहीं हो रहा था। बेचारे बार -बार मोबाइल देखते और यहां से वहां भटकते रहते थे। नेट सेवा ठप्प होने से इन बेचैन युवाओं की हालत और लाचारी देखते ही बन रही थी।