पन्ना महाराज राघवेंद्र सिंह का स्वास्थ्य खराब होने के कारण वे रथयात्रा में शामिल नहीं हुए। इसलिए उनके पुत्र राजा बहादुर छत्रसाल सिंह रथयात्रा में शामिल होकर राज परिवार की परंपरानुसार दायित्प निभाए। युवराज ने आरती बाद भगवान को मंदिर के गर्भग्रह से बाहर लाकर रथों में विराजमान कराया। युवराज ने चंवर डुलाने के बाद रथ को खींचकर ऐतिहासिक रथयात्रा का शुभारंभ किया।
श्री जगदीश स्वामी रथयात्रा शुभार भ 12 जुलाई को श्री जगदीश स्वामी मंदिर से लखूरन बाग, 13 जुलाई को लखूरन बाग से चौपरा तक, 14 जुलाई को चौपरा से जनकपुर मंदिर तक पहुंचेगी। विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजन के उपरान्त 18 जुलाई को जनकपुर मंदिर से प्रस्थान कर चौपरा पहुंच कर विश्राम, 19 जुलाई को चौपरा से लखूरन बाग विश्राम तथा 20 जुलाई को लखूरन बाग से जगदीश स्वामी मंदिर तक पर परागत तरीके से रथयात्रा का आयोजन होगा।