मामला सामने आने के साथ वन महकमे में हड़कंप की स्थिति बन गई है। जानकारी लगने के बाद डीएफओ उत्तर नरेश यादव ने जंगल का दौरा कर काटे गए पेड़ों के ठूठों की गिनती करने के निर्देश दिए। ७४ पेड़ों को काटे जाने को लेकर वन अपराध दर्ज कर पीओआर काटा गया है।
गौरतलब है कि धरमपुर रेंज की सीमा उत्तर प्रदेश की सीमा से लगी है। धरमपुर व कुरड़ा के जंगलों में इमारती लकड़ी काटी गई थी जिस पर डीएफओ नरेश यादव ने धरमपुर व नरदहा डिप्टी रेंजर, एक वन पाल, एक बीट गार्ड को सस्पेंड कर 11 चौकीदारों की सेवाएं समाप्त कर दी थी।
कुछ ही दिनों बाद फिर सामने आया मामला मामले की भनक लगने के बाद डीएफओ के बीट गडरपुर का तीन दिवसीय निरीक्षण किया। उडऩदस्ता टीम द्वारा पेड़ों के ठूठों की गिनती कराई गई, जिसमें अधिक मात्रा में सागौन कटा पाया गया। जिस पर भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 33(ए) क के तहत पीओआर क्रमांक 84/18 काटा गया।
इसमें 74 नग ठूठ पाए जाने की बात पीओआर में बताई गई है। पीआरओ बीट गार्ड विनोद मांझी के नाम काटकर वसूली के आदेशर दिए गए हैं। पूर्व में भी इस गडरपुर बीट में सागौन की कटाई की गई थी। यहंा से काटी गयी लकड़ी ज्यादातर उप्र ले जाई जाती है।
गडरपुर बरियारपुर के जंगल अपने बेशकीमती सागौन की लकड़ी के लिए जाने जाते हैं। समय रहते वन विभाग द्वारा कारगर कदम नहीं उठाए गए तो वह समय दूर नहीं है जब जंगल सागौन विहीन नजर आएंगे।