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जिले के टूरिस्ट स्पॉटों में नहीं सुरक्षा के इंतजाम, कभी भी हो सकता है गंभीर हादसा

locationपन्नाPublished: Aug 16, 2018 08:56:45 pm

Submitted by:

Rudra pratap singh

झरनों में सेल्फी लेने का युवाओं में बढ़ रहे क्रेज से बढ़ रही हदसे की आशंका, जिम्मेदार जिला प्रशासन के द्वारा पिककिन और टूरिस्ट स्पॉटों की सुरक्षा पर नहीं दिया जा रहा ध्यान।
 

Lack of security might lead to grievous accident in panna

Lack of security might lead to grievous accident in panna

पन्ना. मध्य प्रदेश के सुल्तानगढ़ स्थित फाल में निकनिक मनाने गए 10 लोग अचानक पानी बढऩे से बह गए थे। जहां पूर्व से सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे। जिले में भी कुछ ऐसे हालात हैं। बारिश का दौर शुरू होने के बाद से जिले के पर्यटन स्थलों में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। इन स्थानों में लोग पिकनिक मनाने के लिये पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही इन पर्यटन स्थलों में चट्टाने से फाल के बेहद करीब तक पहुंचकर सेल्फी लेने का लोगों में क्रेज बढ़ा है। इससे यहां भी पूव में रीवा और इंदौर क्षेत्र में हुए आदसों फिर सुल्तानगढ़ जैसे हादसे होने की आशंका बनी रहती है। पर्यटन स्थलों में सुरक्षा की स्थिति को लेकर कोई भी गंभीर नहीं है।
गौरतलब है कि पन्ना पर्यटन नगरी होने के साथ ही यहां पूरे जिले में सैकड़ोंं की संख्या में रमणीय व धार्मिक महत्व के स्थल हैं। तेज बारिश होने के बाद शहर से लगे अजायगढ़ बाईपास में तो मेले जैसे हलाता बन जाते हैं। यहां फाल में सैकड़ों फीट नीचे तेजी से गिरते किलकिला नदी के पानी के सैंदर्य को देखने के लिये सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचते हैं। इस दौरान यहां चट्टानों के बेहद किनारे तक पहुंचकर युवा ग्रुप सेल्फी ले रहे हैं। यह बेहद की खतरनाक शौक शाबित हो सकता है। इस ओर सुरक्षा से संबंधित एजेंसियों द्वारा और जिला प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिया जा सकता है। इसी तरह पूर्व में रीव जिले के एक फाल में सेल्फी लेने के दौरान दो युवाओं की मौत हो गई थी। इंदौर क्षेत्र में भी बीते सालें इसी तरह से फाल के पास अचानक पानी बढ़ जाने से दो इंजीनियरिंग के छात्र बह गए थे। इससे जिले के पर्यटन स्थलों पर भी इस तरह हादसों के होने की हमेशा आशंका बनी रहती है।
ये हैं जिले के प्रमुख पिकनिक स्पॉट
जिले में मानसून सीजन में भले ही मानसून टूरिज्म शूरू नहीं किया गया है इसके बाद भी बड़ी सं या में लोग किलकिला कुंड, झोर का चौपड़ा, चौपड़ा मंदिर, कउवा सेहा, पांडव फाल, रनेह फाल, बृहस्पति कुंड, सिल्वर फाल और सिद्धनाथ धाम, चौमुखनाथ सहित दर्जनों की संख्या में पर्यटन स्थल है। इनमें से रनेह फॉल और पांडव फाल में तो पार्क प्रबंधन की ओर से सुरक्षा के इंतजार किए गए हैं लेकिन अन्य स्थानों पर जैसे किलकिला कुंड, ब्रहस्पतिकुंड और सिल्वर फाल सहित दर्जनों स्थानों पर सुरक्षा के किसी प्रकार के इंतजार में नहीं हैं। इससे इन स्थानों पर हमेशा ऐसे हादसों की आशंका रहती है।
वन सीमा में अधिकांश पर्यटन स्थल
जिले के जितने भी खतरनाक पर्यटन स्थल हैं उनमें से अधिकांश वन विभाग के क्षेत्र में पड़ते हैं। ऐसे में जिले के वन विभाग की जि मेदारी बनती है कि इन पर्यटन स्थलों के रखरखव और सुरक्षा की ओर विशेष ध्यान दिया जाए। जिले के वन क्षेत्र में उत्तर वन मंडल, दक्षिण वन मंडल और पन्न टाइगर रिजर्व काम कर रहे हैं। पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र के पर्यटन स्थलों को छोड़ दें तो शेष उत्तर और दक्षिण वन मंडल क्षेत्र के खतरनाक पर्यटन स्थलों में सुरक्षा की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। मनसून सीजन में पर्यटन स्थलों में सुरक्षा के समुचित उपाए किए जाने की जरूरत है। साथ ही खतरनाक स्थलों में लोगों के सेल्फी लेने के बढ़ रहे क्रेज पर भी लगाम लगाने की जरूरत है।
भोपाल में अटका मानसून टरिज्म का प्रोजेक्ट
जानकारी के अनुसार करीब तीन साल पहले मु यमंत्री ने मानसून सीजन में टाइगर रिजर्व के बंद होने से बेरोजगार होने वाले लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिये पन्ना में मानसून टूरिज्म शुरू किए जाने की घोषणा की थी। जिसके तहत जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों को टूरिज्म के हिसाब से विकसित कर एक सर्किट में जेड़ा जना था। टाइगर रिजर्व के बंद होने से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से बेराजगार होने वाले लोगों को रोजगार मिल सके। सीएम की घोषणा के तीन साल बाद भी जिले में मानसून टूरिज्म शुरू नहीं हो सका है। सूत्र बताते हैं कि टइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा जिले में मानसून टूरिज्म को विकसित करने का प्रोजेक्ट सीएम की घोषणा के बाद ही स्वीकृति के लिये भोपाल भेज दिया गया था। तीन साल से यह प्रोजेक्ट को प्रदेश सरकार स्वीकृति नहीं दे पाई है।
इनका कहना है
जिले के अधिकांश पर्यटन स्थल वन क्षेत्र की सीमा में आते हैं। उक्त स्थलों पर सुरक्षा के समुचित व्यवस्था के लिये वन विभाग को लेख किया जाएगा। इसके साथ ही कमिश्नर के माध्यम से पीएस को भी ऐसे पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा के लिये लिखा जाएगा।
मनोज खत्री, कलेक्टर पन्ना
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