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जमीन विवाद में उतारा था मौत के घाट तो कोर्ट ने दोषियों को सुना दी उम्रकैद

locationपन्नाPublished: Jul 31, 2019 12:16:27 am

Submitted by:

Bajrangi rathore

जमीन विवाद में उतारा था मौत के घाट तो कोर्ट ने दोषियों को सुना दी उम्रकैद

Land was brought to the ground in the fate of death

Land was brought to the ground in the fate of death

पन्ना। मप्र के पन्ना जिले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण में फैसला सुनाते हुये, हत्या के आरोपी चार सगे भाइयों को आजीवन कारावास और 3000-3000 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
प्रकरण के संबंध में जानकारी देते हुये आशुतोष कुमार द्विवेदी, सहा.जिला लोक अभियोजन अधिकारी ने बताया कि फरियादी राज किशोर लोध पिता मंगल लोध (42), निवासी-ममनी पुरवा खोरा ने थाना-धरमपुर की चौकी खोरा में लिखित रिपोर्ट की थी कि चार जुलाई 18 को वह अपने भाई राजकुमार लोध का खेत जोतने गया था।
सुबह करीब 10.00 बजे जब वह ट्रैक्टर से खेत जोत रहा था, तभी आरोपी राजकुमार लोध, संतराम ऊर्फ संत कुमार लोध, अशोक कुमार लोध, विजय कुमार लोध पिता बाबूलाल लोध, हाथ में लाठियां लेकर आये और मेरे भाई मृतक राजकुमार लोध पिता मंगल सिंह लोध को खेत में घेर लिया।
मेरे भाई और आरोपी संतकुमार लोध का मकान बनाने की बात पर विवाद चल रहा था, जिसके चलते आरोपियों ने मेरे भाई को जान से मारने की गरज से सिर में लाठियां मारी, जिससे मेरा भाई राजकुमार जमीन पर गिर गया। उसके बाद भी चारों लाठी से मारपीट करते रहे, जिससे राजकुमार को सिर में गहरी चोटें आईं।
घटना को देख मैं, मेरा बहनोई इंद्रपाल, शैलेश तथा महेन्द्र मौके पर पहुंचे और सभी ने राजकुमार लोध को बेहोशी की हालत में ट्रैक्टर से चौकी खोरा लाये, फरियादी राजकिशोर की रिपोर्ट पर चौकी-खोरा में 06/18 पर आरोपियों के विरुद्ध धारा-307/34 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
चौकी खोरा से राजकुमार लोध को इलाज के लिये सीएचसी अजयगढ़ लाया गया, जहां से इलाज के लिये जिला अस्पताल पन्ना के लिये भेजा गया, जहां पर इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। थाना-धरमपुर में आरोपियों के खिलाफ धारा 302 भादवि का इजाफा कर अपराध सख्या 102/18 पर पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की गई।
विवेचना के दौरान आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, पूछताछ में सभी आरोपियों ने अपना अपराध करना स्वीकार किया तथा हत्या में उपयोग की गई लाठियां उनके बताये हुये स्थान से जब्त की गई और विवेचना उपरांत अभियोग-पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
प्रकरण का विचारण, प्रमोद कुमार अग्रवाल, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जिला-पन्ना (म.प्र.) के न्यायालय में हुआ। अभियोजन द्वारा आरोपियों के विरुद्ध अपराध संदेह से परे प्रमाणित किया गया। अभियोजन द्वारा आरोपियों के लिए कृत्य के लिए अधिकतम दंड से दंडित किये जाने का निवेदन किया गया।
न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों तथा न्यायिक दृष्टांतों से सहमत होते हुए आरोपियों को धारा 302, 34 भा.द.वि. में आजीवन कारावास और 3000-3000 हजार रुपए अर्थदंड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी प्रवीण कुमार सिंह, जिला लोक अभियोजन अधिकारी, पन्ना द्वारा की गई।
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