पीडि़त कर्मचारी की शिकायत की सत्यता जांचने के बाद लोकायुक्त टीम ने उक्त रिश्वतखोर बाबू को 5 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ लिया है। आरोपी बाबू के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया या है। उक्त कार्रवाई में सागर लोकायुक्त की 20 सदस्यीय टीम शामिल रही।
क्रमोन्नति संबंधी भी एक मामला पेंडिंग शिकायतकर्ता दगली प्रसाद कोल ने बताया कि वह सेवानिवृत हो गया था। उसक पेंशन संबंधी अंतिम वेतन प्रमाणपत्र (एलपीसी) पांच माह से जारी नहीं की जा रही थी। क्रमोन्नति संबंधी भी एक मामला पेंडिंग है। इसके लिए उसे बार-बार परेशान किया जा रहा था। जनपद के बाबू सुधीर कुमार श्रीवास्तव द्वारा उक्त कार्य के लिए 20 हजार रुपए की मांग की जा रही थी। जिससे वह परेशान हो गया था और मामले की शिकायत लोकायुक्त टीम सागर से कर दी थी।
शुक्रवार की दोपहर कार्रवाई शुक्रवार की दोपहर जब वह एकबार फिर बाबू से मिले तो उसने फिर रिश्वत के राशि की मांग की। इस पर उन्होंने फिलहाल पांच हजार की व्यवस्था होने की बात कहते हुए बाबू को पांच हजार रुपए रिश्वत की राशि की पहली किस्त के रूप में दे दी। बाबू के रुपए लेते ही सागर लोकायुक्त की टीम ने छापामार कार्रवाई कर आरोपी बाबू को पकड़ लिया। जिनके हाथ भी धुलवाए गए। जिसमें नोटों का रंग पानी के साथ धुलने से उनके हाथ रंग गए।
जनपद कार्यालय में लगी भीड़
जनपद कार्यालय में लोकायुक्त कार्रवाई की जानकारी लगते ही बड़ी संख्या में आसपास के लोग कार्यालय में पहुंच गए। इससे देखते ही देखते सैकड़ों लोगों की भीड़ कार्यालय के पास पहुंच गई। एक ओर सभी लोग यह जानना चाह रहे थे कि अंदर क्या हो रहा है वहीं दूसरी ओर जनपद के अन्य कर्मचारी दहशत में आ गए। कार्रवाई की जानकारी लगते ही सब अपनी अपनी फाइलें समेटने लगे।