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लोस चुनावी मुद्दा: चुनाव जीतने के बाद बाहरी प्रत्याशी मुड़कर देखते भी नहीं, जानिए और क्या कहा लोगों ने

locationपन्नाPublished: Mar 16, 2019 10:34:08 pm

Submitted by:

Bajrangi rathore

लोस चुनावी मुद्दा: चुनाव जीतने के बाद बाहरी प्रत्याशी मुड़कर देखते भी नहीं, जानिए और क्या कहा लोगों ने

loksabha election in panna district

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पन्ना। लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही मप्र के पन्ना जिले में मतदाताओं ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं। चुनाव को लेकर राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय के साथ ही क्षेत्रीय मुद्दों पर अपनी बात रख रहे हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी हर मुद्दे पर बात रखने के साथ सुधार की नसीहत दे रहे हैं।
लोगों का कहना है कि क्षेत्र के पिछड़ेपन को दूर करने राजनेताओं ने कोई महत्वपूर्ण काम नहीं किया है। मामूली बीमारी में इलाज को बाहर जाना पड़ता है। लोगों ने जिला अस्पताल सहित प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की हालत सुधारने पर जोर दिया। प्रवेश रैकवार, द्घजले में रोजगार के साधन नहीं होने की वजह से युवा छोटा-मोटा धंधा कर जीवन यापन करता है।
युवा वर्ग बेरोजगारी से परेशान होकर घूम रहा है। प्रत्याशियों के सामने यहीं मुद्दा रखा जाएगा कि पहले तो रोजगार के साधन उपलब्ध करवाया जाए। उसके बाद ही लोकसभा चुनाव में मतदान करेंगे।bरहमद खान, जिले में लोकसभा क्षेत्र के बाहर के प्रत्याशी आकर चुनाव जीतते रहे हैं। जीतने के बाद यहां लौट कर देखा तक नहीं। यही कारण है कि यहां पर अभी तक कुछ भी विकास कार्य नहीं हो पाए हैं। लोकसभा क्षेत्र से बाहर प्रत्याशी आते हैं तो बि
ल्कुल सपोर्ट नहीं किया जाएगा। अगर यही लोकसभा क्षेत्र का प्रत्याशी चुनाव मैदान में आएंगे तो सपोर्ट किया जाएगा। दीपक गुप्ता, जिले में मुद्दे तो बहुत हैं, लेकिन जो सबसे बड़े मुद्दे हैं उन पर अभी तक कोई खास काम नहीं हुआ है। जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, पलायन, कुपोषण। इन पर काम होना अति आवश्यक है।
अभी तक जिले से बाहर के प्रत्याशी लोकसभा चुनाव जीतते आए हैं, इससे क्षेत्र के विकास में कोई ज्यादा काम नहीं हुआ है। क्षेत्रीय प्रत्याशी की मांग की जारी है। नीरज रैकवार, मुख्यालय में छोटे दुकानदारों की बहुत ही समस्या है। जो लोग छोटा-मोटा धंधा करते थे उनके टपरे प्रशासन द्वारा हटवा दिए गए हैं।
बड़े- बड़े लोग शासकीय जमीनों पर कब्जा किए हैं और मकान बनवाए हैं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इसलिए हम छोटे दुकानदार सौतले व्यवहार से काफी नाखुश हैं।

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