दरअसल लॉक डाउन के दौरान मजदूर सरकोहा स्थित रानीपुर ग्राम के निजी क्षेत्र की खदान में खुदाई कर रहे थे, तभी यह हीरा मिला है। इस खदान को 9 मजदूर ने पार्टनर में लिया था जो निजी क्षेत्र में मौजूद है। इससे पहले भी इसी खदान से 70 सेंट का हीरा मजदूर को मिल चुका है। हीरे को पन्ना में हीरा कार्यालय में जमा करा दिया है।
एमपी की डायमंड सिटी
बुंदेलखंड के पन्ना जिले की पहचान एमपी की डायमंड सिटी के रूप में है। इसे मंदिरों की भी नगरी कहा जाता है। हीरा है सदा के लिए की तर्ज पर यहां सैकड़ों वर्षों से हीरों की खुदाई होती आ रही है। यहां की धरती में यत्र-तत्र-सर्वत्र हीरा बिखरे पड़े हैं। स्थानीय लोगों के अलावा बाहर से आकर लोग यहां हीरा खदान स्वीकृत कराते हैं और किस्मत वालों को लाखों करोड़ों के हीरे हाथ लगते हैं। कुछ लोग इन्हें शासन के हीरा कार्यालय में जमा कराते हैं तो कुछ लोग चोरी छिपे मुंबई और गुजरात के हीरा व्यापारियों को बेच देते हैं।