scriptYear ender-2019: पन्ना टाइगर रिजर्व की बदौलत मध्य प्रदेश को मिला टाइगर स्टेट का दर्जा | Madhya Pradesh gets tiger state status due to Panna Tiger Reserve | Patrika News

Year ender-2019: पन्ना टाइगर रिजर्व की बदौलत मध्य प्रदेश को मिला टाइगर स्टेट का दर्जा

locationपन्नाPublished: Dec 30, 2019 03:45:11 pm

Submitted by:

suresh mishra

बाघिनों ने जन्मे शावक, तेंदुए की मौत ने चौंकाया

Madhya Pradesh gets tiger state status due to Panna Tiger Reserve

Madhya Pradesh gets tiger state status due to Panna Tiger Reserve

पन्ना: विंध्य के जंगलों में वन्यजीवों की संख्या बढ़ी तो शिकार भी शुरू हो गया। जंगल में आवश्यक संसाधन नहीं होने से वन्यजीव गांव की ओर भागने लगे। सालभर में कई ऐसी घटनाएं हुईं जो वन्यप्राणियों के संरक्षण पर बड़ा सवाल छोड़ गईं। बाघ, तेंदुआ सहित अन्य जानवर गांव की ओर रुख किए तो रेस्क्यू कर उन्हें जंगल में फिर पहुंचाया गया। शिकारियों ने भी सालभर जमकर धमाचौकड़ी मचाई। सीधी में तो जहर देकर शिकार किया गया। मुकुंदपुर सफारी शावकों के लिए कुछ खास नहीं रहा। इस साल कई शावकों की मौत हो गई। इस सबके बीच पन्ना के बाघों ने पहचान दिलाई। उन्हीं के कारण मध्यप्रदेश को स्टेट टाइगर का ताज मिला।
साल 2019 में प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में पन्ना टाइगर रिजर्व का योगदान हमेशा याद रहेगा। पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में हुई अप्रत्याशित वृद्धि का ही परिणाम रहा कि प्रधानमंत्री द्वारा जारी की गई टाइगर सेंसेस में प्रदेश को 13 साल बाद फिर टाइगर स्टेट का दर्जा मिला। 2019 के आखिरी माह तक रिजर्व के कोर जोन में शावक सहित 55 से 60 बाघ विचरण कर रहे हैं। पन्ना लैंड स्केप में बाघों की संख्या 65 से 70 के बीच होने का अनुमान है। इस साल पन्ना टाइगर रिजर्व की बाघिनों ने भी एक दर्जन से अधिक शावकों को जन्म दिया। यही कारण रहा कि सालभर टाइगर रिजर्व बाघों की आमद से गुलजार रहा।
बाघ पुनर्स्थापना के 10 साल पूरे

बाघ पुनर्स्थापना के 10 साल पूरे होने पर जैव विविधता बोर्ड की ओर से पन्ना टी-3 वॉक का आयोजन किया गया जो यादगार रहा। यह बाघों का अध्ययन केंद्र भी बनकर उभरा। वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (देहरादून) के 92 प्रशिक्षु आइएफएस अधिकारियों का दल एक सप्ताह के प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए यहां आया। साल के अंतिम दिनों में एक दशक से अधिक समय के इंतजार के बाद 25 घडिय़ाल नेशनल चंबल घडिय़ाल सेंचुरी धुबरी मुरैना से केन नदी में छोड़े गए।
जब टाइगर ने किया इंसान का शिकार, तेंदुओं की मौत ने उलझाया
सालभर पन्ना टाइगर रिजर्व में भले ही इंसान और वन्यजीव के द्वंद्व की घटनाएं सामने नहीं आई हों पर बफर जोन क्षेत्र और सामान्य वन मंडल बदनाम रहे। उत्तर वन मंडल और दक्षिण वन मंडल को मिलाकर आधा दर्जन से अधिक तेंदुओं की मौत ने उलझाए रखा। कुछ मामलों में शिकार के प्रत्यक्ष प्रमाण मिले और शिकारियों को भी पकड़ा गया। उत्तर वन मंडल के मकरी कोड़ार में एक टाइगर ने मजदूर का शिकार कर सबको चौंका दिया। पवई रेंज में भारी मात्रा में विस्फोटक के साथ शिकारी पकड़े गए थे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो