महाशिवरात्रि पर्व पर खेर माता में 11 हजार पार्थिव शिवलिंग का निर्माण और पूजन का कार्यक्रम आयोजि किया गया। विधि-विधान के साथ शिवलिंग का पूजन-अर्चन का कार्यक्रम आयोजित हुआ। महिलाओं ने मांगल गीत गाये। बोरी, बिसानी टिकरिया, पुरैना, देवरी में भी महाशिवरात्रि का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर शिवालयों में शिव भक्तों की भीड़ रही। रात्रिकाल में चार पहर के धार्मिक अनुष्ठानों के बीच भक्तों ने भगवान शंकर की आराधना की। इस दौरान मंदिरों में भगवान शिव की मनमोहक झांकियां सजाई गई। इस अवसर पर बगीचा स्थित शिव मंन्दिर खैर माता स्थान सहित शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ रही। भक्तों ने भगवान शिव की भांग धतूरे सहित अन्य पूजन सामग्री के साथ भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की।
दूल्हा वेश भगवान
महाविशरात्रि पर शाम को नगर साईं मंदिर स्थित शिव भगवान की प्रतिमा को दूल्हे के रूप में सजाया गया। नगर के किशोरजी मंदिर से गाजे-बाजे के साथ देर रात भगवान की बारात शोभायात्रा निकाली गई। यह नगर के विभिन्न मर्गों से होकर गुजरी। इसमें बड़ी संख्या में नगर के लोग गाजे-बाजे के साथ झूमते हुए शामिल रहे। आयोजन को लेकर लोगों में भारी उत्साह देखा गया है।
पवई में देर रात तक चले धार्मिक आयोजन
महाशिवरात्रि पर्व के उपलक्ष में शिव मंदिरों में देर रात तक धार्मिक आयोजन भजन-कीर्तन जारी रहे । मंदिरों में भगवान शंकर के विवाह केा लेकर भक्तों ने गाजे-बाजे के साथ उनकी बारात निकाली। गांधी चौक में बाहर से आये कलाकारों द्वारा मंचीय कार्यक्रम के माध्यम से मन मोहक प्रस्तुति दी गई। इस प्रस्तुति को देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शक देर शाम तक आयोजन स्थल पर डटे रहे।
महाशिवरात्रि पर्व के उपलक्ष में शिव मंदिरों में देर रात तक धार्मिक आयोजन भजन-कीर्तन जारी रहे । मंदिरों में भगवान शंकर के विवाह केा लेकर भक्तों ने गाजे-बाजे के साथ उनकी बारात निकाली। गांधी चौक में बाहर से आये कलाकारों द्वारा मंचीय कार्यक्रम के माध्यम से मन मोहक प्रस्तुति दी गई। इस प्रस्तुति को देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शक देर शाम तक आयोजन स्थल पर डटे रहे।