पन्ना

मप्र के पन्ना जिले में मकर संक्रांति पर नदियों में लगाई आस्था की डुबकी, भगवान सूर्य को दिया अघ्र्य, लगे मेले, लकड़ी के झूलों ने किया आकर्षित

मप्र के पन्ना जिले में मकर संक्रांति पर नदियों में लगाई आस्था की डुबकी, भगवान सूर्य को दिया अघ्र्य, लगे मेले, लकड़ी के झूलों ने किया आकर्षित

पन्नाJan 14, 2019 / 11:46 pm

Bajrangi rathore

Makar Sankranti in india

पन्ना। मकर संक्रांति पर सोमवार को मप्र के पन्ना जिले के धार्मिक पर्यटन स्थल बृहस्पतिकुंड, सारंग आश्रम, अजयपाल किला सहित करीब आधा दर्जन स्थानों पर मेले का आयोजन किया गया। सुबह लोगों ने नदी, तालाबों में आस्था की डुबकी लगाई और भगवान सूर्य को अघ्र्य दिया।
इस दौरान जिलेभर में करीब आधा दर्जन स्थानों पर मेले लगे। मेले में लगाए गए लकड़ी के झूले आज भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे। जिले में कुछ स्थानों पर दूसरे दिन भी मकर संक्रांति मनाई जाएगी। पंडवन और गंगा झिरिया सहित अन्य स्थानों पर मंगलवार से मेले लगेंगे।
मकर संक्रांति पर बृहस्पतिकुंड में दुकानें लगाने दूर-दूर से लोग आए हुए थे। जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी. दूर स्थित सुतीक्षण मुनि के आश्रम में लगे मेले में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।
पंडवन और गंगा झिरिया में मेला आज

जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल पंडवन और गंगा झिरिया में मेले की शुरुआत मंगलवार से होगी। इसके अलवा जिले के अन्य क्षेत्रों में लगने वाले मेले भी मंगलवार से शुरू होंगे।
ज्ञात हो कि पंडवन सात नदियों का संगम स्थल है। ऐसी मान्यता है कि बनवास के समय पांडव यहां आए थे और नदियों के जल से भगवान शिव की पूजा-अर्चना की थी। उन्हीं के नाम पर इस स्थान का नाम पंडवन पड़ा है।
जमकर आसमान में उड़ी पतंग

ऐसा माना जाता है कि मकार संक्रांति में पतंग उल्लास और प्रसन्नता के प्रतीक हैं। कटरा बाजार में लगने वाली पतंग की दुकानों में सोमवार को दिनभर भीड़ उमड़ी रही। पतंग उड़ाने के लेकर नजरबाग स्टेडियम और तलैया फील्ड में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। छतों पर भी पतंग उड़ाने वालों की भीड़ रही।
नगर के देवालयों में दर्शन के लिए भक्त बड़ी संख्या में पहुंचे। श्रद्धालुओं ने भगवान जुगल किशोर मंदिर पहुंचकर भगवान के दर्शन किए और भिक्षा मांगने वालों को खिचड़ी दान दिया।

आज बांटी जाएगी समरसता खिचड़ी
पवई नगर के प्राचीन एवं त्रिदेवों के सिद्धस्थल हनुमान भाटा में चल रही 11 दिवसीय अखंड श्रीराम संकीर्तन का समापन मंगलवार को होगा। समापन पर हवन-पूजन के साथ समरसता खिचड़ी, भंडारा एवं प्रसाद का वितरण किया जाएगा। हनुमान भाटा समिति की ओर से धार्मिक आयोजन में शामिल होकर लोगों से पुण्य लाभ लेने की अपील की गई है।
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