दो दिन पूर्व उत्तर वन मंडल के ग्राम मनकी निवासी बेटूटलार पिता धनकू गौड़ मनकी बीट के केरवन सर्किल के जंगल में तेंदूपत्ता तोडऩे गया था। इसी दौरान शाम करीब साढ़े 5 बजे उस पर एक बाघ ने हमला कर दिया। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। वहां मौजूद अन्य लोगों ने शोर मचाकर बाघ को भगाया और बेटू को घायल अवस्था में लेकर गांव आ रहे थे, इसी दौरान उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। उक्त घटनाक्रम के बाद से उत्तर वन मंडल और पन्ना टाइगर रिजर्व की टीम गांव में डेरा डाले हैं।
अभी तक बाघ का पता नहीं 47 डिग्री तापमान पर वनकर्मी दिनभर जंगल में पसीना बहाते रहे। सर्चिंग को देखने के लिए आसपास के गांवों के लोग भी इकट्ठा हो रहे हैं। पन्ना टाइगर रिजर्वके फील्ड डायरेक्टर रविकांत मिश्रा ने बताया, अभी तक बाघ का पता नहीं चल है। पगमार्क भी नहीं मिल पाए हैं। हालांकि गांव के लोग बाघ द्वारा ही हमला किए जाने की बात कही जा रही है। अभी हमारी प्राथमिकता बाघ की तलाश करना है।
रेडियो कॉलर पहनाने की तैयारी सूत्रों के अनुसार पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन जहां एक ओर बाघ को लगतार तलाश कर रहा है वहीं उसके ट्रेंकुलाइज करके रेडियो कॉलर पहनाने की भी तैयारी की जा रही है। हालांकि यह निर्णय भोपाल स्तर पर लिया जाना है, लेकिन मैदानी स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गई है।
बाघ के हमले का खतरा इसी तरह से आमनगंज क्षेत्र के बफर जोन में लगातार सक्रिय रहने वाली बाघिन को रेडियो कॉलर पहनाया गया था। सुरक्षा कारणों को लेकर पार्क प्रबंधन और उत्तर वन मंडल की ओर से आसपास के गांव में मुनादी कराई गई है कि गांव के लोग तेंदूपत्ता तोड़ने और लकड़ी लेेने फिलहाल जंगल नहीं जाएं। वहां बाघ के हमले का खतरा है। इसके साथ ही सभी प्रकार के एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं।
सुरक्षा पर सवाल पन्ना टाइगर रिजर्व के दो बाघ करीब दो माह पूर्व कोर जोन के सुरक्ष जंगल से निकलकर बफर जोन के जंगल हेाते हुए दक्षिण वन मंडल के पवई और रैपुरा रेंज के जंगल होते हुए मोहंद्रा रेंज के दानदाई और उसके पास स्थित जोधपुर किले की पहाड़ी में डेरा डाले हुए हैं। ये बाघ पैदल और वाहनों से चल रहे क्षेत्र के लोगों को आए दिन दिख भी रहे हैं। इसके बाद भी उन्हें पार्क प्रबंधन द्वारा असुरक्षित जंगलों में महीनों से छोड़ रखा गया है।
आसपास के लोगों की सुरक्षा खतरे में इससे बाघ और आसपास के लोगों की सुरक्षा खतरे में है। इन दिनों वनकर्मी हड़ताल पर हैं। इससे खुले में और असुरक्षित वनों में घूम रहे बाघों की सुरक्षा पर अब बड़ा खतरा मंडराने लगा है। पन्ना टाइगर रिजर्व फील्ड डायरेक्टर के रविकांत मिश्रा डायरेक्टर बाघ की लगातार सर्चिंग की जा रही है। अभी तक बाघ का पता नहीं चला है। उसके पगमार्क भी नहीं मिल रहे हैं। बाघ के मिलने के बाद ही आगे के निर्णय वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में लिए जाएंगे।